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 चनाव आयोग ने राहुल गांधी द्वारा आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन का लिया संज्ञान और पार्टी से मांगा जवाब

 चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गांधी द्वारा आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन का संज्ञान लिया है और पार्टी से उत्तर मांगा है.

आयोग ने कांग्रेस पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे नोटिस में मुद्दे में 29 अप्रैल तक उत्तर देने को बोला है.

भाजपा ने चुनाव आयोग से की कम्पलेन में बोला था कि राहुल गांधी ने 18 अप्रैल को कोट्टायम (केरल) में अपने भाषण में बोला था, “अगर एक बेटी किसी यूनिवर्सिटी से स्नातक होती है, तो उसके माता-पिता उसे मलयालम में शुभकामना देते हैं. जब एक भाई दूसरे भाई को खो देता है, तो वह इसे मलयालम में बताता है.” इस प्रकार, केरल मलयालम है, और मलयालम केरल है. मुझे आश्चर्य होता है जब मैं पीएम को भाषण देते हुए सुनता हूं. वे एक राष्ट्र, एक भाषा और एक धर्म की बात करते हैं. आप तमिल लोगों को तमिल न बोलने के लिए कैसे कह सकते हैं क्या केरल के लोगों को मलयालम नहीं कहना चाहिए? हर एक भारतीय भाषा अन्य भाषाओं जितनी ही जरूरी है. बीजेपी को जब भी मौका मिलता है, वह भाषा, स्थान, जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव करती है.

भाजपा ने चुनाव आयोग की कम्पलेन में कहा, “हम आपसे निवेदन करते हैं कि पीएम मोदी के विरुद्ध राहुल गांधी के उपहासपूर्ण और अप्रिय बयानों के संबंध में उन्हें पहले जारी कारण बताओ नोटिस को दोबारा जारी किया जाए. राहुल गांधी ने आदतन पीएम पर एक बार फिर असत्य दुर्भावनापूर्ण इल्जाम लगाए हैं.

चुनाव आयोग ने खड़गे को लिखे अपने पत्र में बोला कि स्टार प्रचारकों से अपेक्षा की जाती है कि वे भाषणों में सियासी मर्यादा का पालन करेंगे.

आयोग ने बोला कि राष्ट्रीय पार्टी से सियासी विमर्श में उच्च मानक स्थापित करने की अपेक्षा की जाती है.

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