ट्रेन हादसों को रोकने के लिए भारतीय रेलवे के प्रयासों को सर्वोच्च अदालत ने सराहा
ट्रेन हादसों को रोकने के लिए भारतीय रेलवे के प्रयासों को सर्वोच्च न्यायालय ने सराहा है. दरअसल, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने सोमवार को यात्री सुरक्षा सहित अन्य मुद्दों से जुड़ी एक याचिका का निपटारा करते हुए यह टिप्पणी की.
बता दें, दो जनवरी को ने विशाल तिवारी की इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने रेल हादसों को रोकने के लिए कवच सहित अन्य सुरक्षा तरीकों पर केंद्र गवर्नमेंट से उठाए गए कदमों का ब्योरा मांगा था. अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी द्वारा दाखिल रिपोर्ट पर पीठ ने सोमवार को बोला कि हम रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हैं.
कवच प्रणाली को लेकर याचिका में उठाए सवाल
पिछले साल जून में ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रेन हादसे का जिक्र करते हुए याचिकाकर्ता ने बोला कि गवर्नमेंट द्वारा एक सुरक्षा प्रणाली प्रारम्भ की गई थी ताकि ट्रेनों की भिड़न्त को रोका जा सके, बावजूद इसके पिछले साल में ट्रेनों से जुड़े कई हादसे हुए हैं. सुनवाई के दौरान पीठ ने बोला कि क्या इस बारे में कोई कवायद की गई है कि कवच प्रणाली को पूरे हिंदुस्तान में लागू करने पर कितना वित्तीय असर पड़ेगा. हर चीज का वित्तीय पहलू से सह-संबंध होता है क्योंकि अंततः इसका बोझ यात्रियों पर डाला जाएगा.
क्या है कवच प्रोटेक्शन सिस्टम
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