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नागरिकता देने से पहले होगा उनका ‘खतना परीक्षण’, पूर्व गवर्नर के बयान पर बवाल…

CAA Controversy: त्रिपुरा और मिजोरम के पूर्व गवर्नर और बीजेपी नेता तथागत रॉय ने बोला है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुसलमान मर्दों को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के अनुसार नागरिकता देने से पहले उनका ‘खतना परीक्षण’ किया जाना चाहिए. उनके इस बयान से राजनीतिक टकराव उठ खड़ा हुआ है. तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने पूर्व गवर्नर के बयान को अश्लील करार दिया है.

सोशल मीडिया पर रॉय ने नागरिकता देने के बारे में केंद्र गवर्नमेंट से नियम साफ करने की भी अपील की है. पूर्व गवर्नर ने एक्स पर लिखा, “पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पार्टी CAA पर लगातार झूठी जानकारी फैला रही है. इससे लोगों के गुमराह होने की आसार दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय को ऐसी स्थिति में यह साफ करना चाहिए कि बांग्लादेश में होने वाले इस्लामी अत्याचार के कारण जो हिन्दू शरणार्थी मात्र कपड़ों के साथ हिंदुस्तान आए, उन्हें नागरिकता कैसे मिलेगी और उन शरणार्थियों की क्या स्थिति होगी, जिनका नागरिकता सम्बन्धी आवेदन खारिज हो गया है.

भाजपा नेता रॉय ने इस बारे में कुछ सुझाव दिए हैं. उन्होंने लिखा, “एक हिंदू, बौद्ध या ईसाई शरणार्थी को नागरिकता पाने का हकदार माना जाना चाहिए. शरणार्थी पुरुष के धर्म का परीक्षण खतना या और किसी विधि से होना चाहिए. जो भी पुरुष इस प्रक्रिया में हिन्दू पाए जाते हैं, उनके साथ आने वाली स्त्रियों को भी हिन्दू माना जाए.

उन्होंने दूसरे सुझाव में बोला है, “अगर किसी हिंदू, बौद्ध या ईसाई का नागरिकता आवेदन किसी कारण से खारिज हो जाता है तो उन्हें यहाँ रहने दिया जाए और उन्हें साफ रूप से कहा जाए कि उन्हें किसी भी ढंग से डिटेंशन कैम्प में नहीं भेजा जाएगा.” तथागत रॉय ने एक अन्य पोस्ट में लिखा है कि CAA साफ रूप से किसी भी मुसलमान को नागरिकता नहीं देने की वकालत करता है, इसलिए यह जानने के लिए कि नागरिकता पाने का आवेदक मुसलमान है या नहीं, इसका निर्धारण खतना परीक्षण से ही किया जाना चाहिए.

तथागत रॉय के इस बयान की राजनीतिक हलकों में खूब निंदा हो रही है. इस पर अपने रुख के समर्थन में रॉय ने कहा, “कई वर्ष पहले जब हम इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश ले रहे थे तो सभी मर्दों को एक मेडिकल टेस्ट से गुजरना पड़ा था जिसमें एक पुरुष चिकित्सक के सामने निर्वस्त्र होना भी शामिल था! वो टेस्ट यह पता लगाने के लिए नहीं था कि क्या किसी का खतना हुआ है या नहीं, बल्कि यह जानने के लिए कि क्या किसी को हाइड्रोसील है. इस पर तो कभी किसी ने विरोध नहीं जताई! अब क्यों?”

दूसरी तरफ, तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेता कुणाल घोष ने बोला है कि तथागत रॉय “इस तरह के घटिया और अश्लील व्यंग्य के जरिए समाज में धार्मिक भेदभाव को कायम रखना रहे हैं.” घोष ने एक्स पर लिखा, “तथागत रॉय ने CAA पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सभी हदें पार कर दीं हैं, जिसमें बोला गया है कि नागरिकता निर्धारित करने से पहले खतना की जांच होनी चाहिए. यह उन हास्यास्पद और बाहियात नैरेटिव को भी दर्शाता है जिसे बीजेपी राष्ट्र में बढ़ावा देती है.

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