पश्चिम बंगाल के इस लोकसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों के बीच हो सकती है कांटे की टक्कर
बीरभूम, पश्चिम बंगाल के बीरभूम लोकसभा सीट (Birbhum Lok Sabha seat) पर इस बार तृणमूल कांग्रेस पार्टी और बीजेपी के प्रत्याशियों के बीच कांटे की भिड़न्त हो सकती है। इस सीट पर वर्तमान सांसद तृणमूल कांग्रेस पार्टी की शताब्दी राय है। बीजेपी ने पूर्व आईपीएस देवाशीष धर को उतारा है जबकि कांग्रेस पार्टी ने मिल्टन रशीद को चुनावी मैदान में खड़ा किया है। इस बीच लोकसभा चुनाव की घोषणा चुनाव आयोग द्वारा कर दी गई है।इसके साथ ही केंद्रीय वाहिनी को जिले में उतार दिया गया है। केंद्रीय वाहिनी चुनावी क्षेत्र में रूट मार्च के साथ अपराधियों की धर पकड़ प्रारम्भ कर दी है। वही निर्भय होकर मतदाताओं को इस बार लोकसभा चुनाव में भाग लेने का आह्वान कर रही है।
विधानसभा चुनाव में कई लोगों को मतदान करने का नहीं मिला था मौका
केंद्रीय वाहिनी के आने से क्षेत्रीय मतदाताओं में साहस दिख रहा है। क्षेत्रीय मतदाताओं का इल्जाम है की गत पंचायत और विधानसभा चुनाव में उन्हें शासक दल के लोगों ने मतदान नहीं करने दिया। जबरन उनके वोट को शासक दल के लोगों ने ही अपने पक्ष में डाल दिया था। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में वे केंद्रीय वाहिनी की नज़र में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
शताब्दी ने बीजेपी प्रार्थी को 88924 वोट के अंतर से हराकर दर्ज की थी जीत
बीरभूम लोकसभा सीट पर एक नजर डाली जाए तो इस सीट पर साल 2019 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी तथा वर्तमान सांसद शताब्दी राय (बनर्जी) ने कुल 654077 वोट पाई थी। जबकि बीजेपी के प्रत्याशी दूध कुमार मंडल को 565153 वोट मिला था। शताब्दी ने बीजेपी प्रार्थी को 88924 वोट के अंतर से हराकर जीत दर्ज की थी। वही सीपीएम के प्रार्थी मोहम्मद रिजाउल करीम को महज 96763 वोट ही मिला था।
बीरभूम लोकसभा सीट पर सीपीएम के प्रार्थी ने दस बार जीत दर्ज की
इस साल इस सीट पर कुल नौ प्रत्याशी खड़े थे। यदि अन्य दलों के प्रार्थियोँ और नोटा के बीच यहां का वोट नही बंटता तो बीजेपी का ऐसा मानना था की इस सीट से बीजेपी की जीत निश्चित थी। वही साल 2014 में भी तृणमूल कांग्रेस पार्टी की प्रार्थी शताब्दी राय को 460568 वोट मिला तथा जबकि दूसरे जगह पर सीपीएम के प्रार्थी चिकित्सक इलाही कामरे मोहम्मद को 393305 वोट मिला था। इस साल भी शताब्दी राय ने कुल 67263 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी। वही साल 2009 में भी तृणमूल कांग्रेस पार्टी से खड़ी शताब्दी राय ने 61159 वोट के अंतर से सीपीएम के प्रार्थी बराज मुखर्जी को हराया था। शताब्दी को 486553 वोट मिला था जबकि बराज को 425034 वोट मिला था। इसके पूर्व इस सीट पर सीपीएम के प्रार्थी 1977 से 2009 तक लगातार दस बार जीत दर्ज कर लोकसभा के सांसद बने है।
अनुब्रत मंडल से नहीं बनती थी शताब्दी की
इसमें सबसे अधिक सीपीएम के सांसद चिकित्सक राम चंद्र डोम छह बार चुनाव लड़कर लगातार डबल हैट्रिक बनाया है।जबकि 1952 से लेकर 1971 तक कांग्रेस पार्टी के प्रार्थी जीत दर्ज कर सांसद बने है। इस सीट से वर्तमान तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सांसद शताब्दी राय को लेकर पार्टी के भीतर एक अंतर द्वंद हमेशा से बना रहा है। जब तृणमूल कांग्रेस पार्टी के जिला पार्टी अध्यक्ष अनुब्रत मंडल उपस्थित थे तब अनुब्रत मंडल से शताब्दी की नही बनती थी। अनुब्रत और शताब्दी के बीच शीतयुद्घ हमेशा बना रहता था। लेकिन अनुब्रत मंडल के गौ स्मग्लिंग मुद्दे में तिहाड़ कारावास जाने के बाद शताब्दी राय का वजन अपने संसदीय क्षेत्र में काफी बढ़ा है। लेकिन इन सब के बीच हमेशा ही शताब्दी राय को विकास के मामले पर क्षेत्रीय लोगों ने घेरा है।
भाजपा अपना कमल इस सीट पर खिलाने में जुटी
कई बार मांगों के पूरा नहीं होने पर क्षेत्रीय लोगों के कोप का भाजन भी शताब्दी राय को बनना पड़ा है। वही विरोधी भी किसी न किसी इश्यू पर घेरते रहे है। बावजूद शताब्दी राय लगातार इस सीट पर जीत कर हैट्रिक कर चुकी है। क्या इस बार बीजेपी अपना कमल इस सीट पर खिलाने में सफल हो पाएगी की नहीं यह तो समय ही बताएगा की ऊंट किस करवट बैठेगा? लेकिन यह भी तय है की इस बार इस सीट पर बीजेपी अपने प्रार्थी को जिताने के लिए एड़ी चोटी का बल लगा देंगी। क्योंकि बीरभूम की दोनों लोकसभा सीट पर जीत को लेकर स्वय गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा की नजर है। क्योंकि बीजेपी ने इस बार जो स्लोगन दिया है की अबकी बार चार सौ पार।