बांकी माता के लक्खी मेले में उमड़ा भक्तों का सैलाब
उपखंड के देवीतला गांव में पहाड़ी पर स्थित बांकी माता मंदिर में फाल्गुन अष्टमी पर वार्षिक मेले का आयोजन हुआ। बांकी माता सेवा समिति अध्यक्ष सीताराम मीणा ने कहा कि मेले में राजस्थान के विभिन्न जिलों के अतिरिक्त हरियाणा, यूपी, एमपी, महाराष्ट्र, मुम्बई, पंजाब, गुजरात, दिल्ली, कोलकता सहित अन्य प्रदेशों से आए श्रद्धालुओं ने माता की चौखट पर माथा टेक कर सुख समृद्धी और खुशहाली की कामना की।बांकी माता मंदिर में आने-जाने वाले श्रद्धालुओं के रंग-बिरंगी परिधान से पहाड़ी सतरंगी नजर आई। इस दौरान नव विवाहित जोड़ों ने भी माता के मंदिर पहुंच कर अपनी जात दी।
सुरक्षा प्रबंध चाक चौबंद
बांकी माता का वार्षिक मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 200 पुलिस के जवान,स्काउट गाइडों ने मेले में व्यवस्थाएं संभालते नजर आए। साथ ही पुलिस की ओर से एक कंट्रोल रूम की भी प्रबंध की गई।मेले के दौरान भारी भीड़ के चलते कई छोटे बच्चें अपने परिजनों से बिछड़ जाने पर पुलिस कंट्रोल रूम में सम्पर्क करने की भी अपील की गई। हालांकि बांकी माता सेवा समिति और पुलिसवालों के आपसी योगदान से मेले में बिछड़े बच्चों को उनके माता-पिता को लौटाने का काम किया गया। मेले के दौरान चैन स्नेचरों और चोरों पर सादा वर्दी में पुलिस घूमते हुए नजर बनाए हुए दिखाई दिए। इस दौरान एएसपी हाईवे नीलकमल मीणा, रायसर थाना प्रभारी महेंद्रसिंह शेखावत, मेला मजिस्ट्रेट आंधी तहसीलदार कमल शर्मा, बीसीएमओ डाक्टर मनोज कुमार मीणा सहित प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। बांकी माता सेवा समिति की ओर से प्रशासनिक ऑफिसरों का सम्मान कर उनका आभार जताया। पांच दिवसीय मेले का सोमवार को गुदड़ी के मेले के साथ समाप्ति होगा।
टॉय ट्रेन रही सुन्दर का केन्द्र
मेले में लगी अस्थाई स्टॉल पर स्त्रियों और बच्चों ने जमकर खरीददारी का लुत्फ उठाया। मेले में बच्चों के मनोरंजन के लिए लगाई गई टॉय ट्रेन और मृत्यु का कुंआ लोगों की सुन्दर का केन्द्र रहा। मेले में आने-वाले श्रद्धालुओं ने जमकर एंजॉय किया।
नेटवर्क जाम, श्रद्धालु परेशान होते नजर आए
बांकी माता सेवा समिति द्वारा मेले के दौरान अस्थाई मोबाइल टॉवर लगाने की मांग की थी लेकिन प्रशासनिक ढिलाई के चलते टॉवर नहीं लगाया गया। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते दो दिन से लगातार मोबाइल नेटवर्क जाम होने से श्रद्धालुओं को कठिनाई का सामना करना पड़ा। शाहपुरा डीपो की ओर से श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए प्रयाप्त बस नहीं लगाने से कठिनाई का सामना करना पड़ा