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भारत में होंगे दो और नए फ्लाइट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन, डीजीसीए ने दे दी मंजूरी

भारत में पायलटों की ट्रेनिंग को लगातार पंख लग रहे हैं. नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने दो और फ्लाइट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन यानी उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) को मंगलवार को स्वीकृति दे दी है. इसके साथ ही राष्ट्र में अब पायलट ट्रेनिंग वाले ऐसे ऑर्गनाइजेशन की कुल संख्या बढ़कर 36 हो गई है. भाषा की समाचार के मुताबिक, डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गुजरात के भावनगर में ड्यून्स एविएशन अकादमी और मध्य प्रदेश के खजुराहो में भारतीय फ्लाइंग अकादमी को स्वीकृति दे दी गई है.

भारत में अधिक पायलट ट्रेंड करने की क्षमता बढ़ रही

खबर के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि इन स्वीकृति के साथ ही राष्ट्र में फ्लाइट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन की संख्या बढ़कर 36 हो गई. इससे हिंदुस्तान में अधिक पायलट ट्रेंड करने की क्षमता बढ़ रही है. वहीं डीजीसीए ने 2023 में 1,622 कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस भी जारी किए. यह वर्ष 2022 की तुलना में 39 फीसदी अधिक है. एविएशन की दुनिया में हिंदुस्तान सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है. एयर इण्डिया और इंडिगो सहित घरेलू एयरलाइन बढ़ती एयर ट्रैफिक डिमांड को पूरा करने के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार करते हुए अधिक विमान जोड़ रहे हैं.

डीजीसीए ने दी है पायलटों को राहत

एविएशन रेगुलेटर ने रात में उड़ान भरने वाले पायलट के लिए मैक्सिमम उड़ान ड्यूटी की अवधि 13 से घटाकर 10 घंटे कर दी है. यह रात 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच है. खभर के मुताबिक, डीजीसीए को इसको लेकर बड़ी संख्या में पायलटों से शिकायतें मिली थी. कुछ समय पहले एयरबस ने हिंदुस्तान को लेकर संभावना व्यक्त किया था कि अगले 20 वर्षों में हिंदुस्तान को 2200 से भी अधिक एयरक्राफ्ट की आवश्यकता पड़ेगी. इसी तरह, भारतीय विमानन परिदृश्य को देखते हुए उसे वर्ष 2040 तक 34,000 अतिरिक्त पायलट की आवश्यकता होगी. जाहिर है इतनी बड़ी संख्या में पायलटों की ट्रेनिंग के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को तैयार करना होगा

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