मंत्री-विधायकों के लिए सब सरकारी, लेकिन जनता के लिए सब प्राइवेट क्यों…
Lok Sabha Election 2024 : राष्ट्र में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं. सियासी दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इस बीच कर्मचारी संघ के नेताओं (अटेवा, सिंचाई विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग संघ, सचिवालय संघ) ने बोला कि हमारी पेंशन का मामला गोल है तो उनका वोट गोल होगा.
कर्मचारी संघ के नेताओं ने अंबेडकर जयंती के मौके पर बोला कि डाक्टर भीमराव अंबेडकर साहेब ने संविधान के अंदर रहकर बिना मांगे हमलोग को पेंशन दी. अनेक सियासी दलों का घोषणा पत्र आया, लेकिन दुर्भाग्य है कि हमसे पुरानी पेंशन छीनी जा रही है. सत्ता दल में पन्ना प्रमुख बनाए जाते हैं, लेकिन गवर्नमेंट के पन्ने से कर्मचारी गायब हैं.
नेता पेंशन लेंगे, लेकिन सैनिकों को नहीं देंगे
कर्मचारी संघ ने सोशल मीडिया एक्स पर कैम्पेनिंग चलाई है, जिसका हैशटैग ओपीएस इज आवर राइट, नो पेंशन जो वोट रखा गया है. उन्होंने बोला कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक कर्मचारी एक हैं. पेंशन नहीं तो वोट नहीं. नेता पेंशन लेंगे, लेकिन राष्ट्र के सैनिकों को पेंशन नहीं देंगे, ये कहां का इन्साफ है. जो हमारी बात करेगा हम उसकी बात करेंगे. हम कर्मचारी के साथ-साथ एक मतदाता भी हैं. आम जनता इस बार बोल नहीं रही है. संकेत साफ है, समझ लीजिए कि जनता कुछ सोच रही है, कुछ नया होने वाला है.
प्राइवेटाइजेशन समाप्त हो
उन्होंने बोला कि कुछ महीने पहले दिल्ली में हमारी रैली का आयोजन हुआ. 15 लाख लोग आए. इसका मतलब मामले में दम है. हम अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं. ये पढ़ा लिखा बुद्धिजीवी समाज है. ओल्ड पेंशन इकोनॉमी को मजबूत करती है. धीरे-धीरे सभी विभागों को प्राइवेटाइजेशन किया जा रहा है, जिनको समाप्त किया जाए.
कर्मचारी संघ ने बोला कि गवर्नमेंट निजीकरण खत्म करे. महंगाई बढ़ती जा रही है और सातवें वेतन आयोग के बाद आठवें वेतन आयोग पर रोक लगा दी गई. विधानसभा और संसद में अपना वेतन हाथ उठाकर बढ़ा लेते हैं. उस समय सभी नेता एक हो जाते हैं. एक तरफ बोला जाता है कि हिंदुस्तान दुनिया की तीसरी महाशक्ति बन रहा है तो दूसरी तरफ अग्निवीर ला रहे हैं. कर्मचारियों को देने के लिए पैसा नहीं हैं. ये गवर्नमेंट का दोहरा रवैया है. जब मंत्री या विधायक बन जाते हैं तो नेताओं को बंगला, ड्राइवर, सुरक्षा, स्टाफ सब सरकारी चाहिए और राष्ट्र की जनता के लिए सब प्राइवेट कर दिया.