मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट न देने से निराश होकर एम. आरिफ नसीम हटे अपनी जिम्मेदारियों से…
कांग्रेस के स्टार प्रचारक और चुनाव प्रचार अभियान समिति से हटने के एक दिन बाद शनिवार को राज्य में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एम। आरिफ नसीम खान ने बोला कि वह विद्रोही नहीं हैं और हमेशा की तरह पार्टी नेतृत्व का सम्मान करते रहेंगे.
मीडिया से बात करते हुए खान ने बोला कि कांग्रेस-महा विकास अघाड़ी द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में एक भी मुसलमान उम्मीदवार को टिकट न देने से निराश होकर वह चुनाव में अपनी जिम्मेदारियों से हट गए.
उन्होंने कहा,“शहर और राज्य इकाइयों ने लोकसभा सीट के लिए मेरे नाम की सिफारिश की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कांग्रेस पार्टी में मुसलमान समुदाय के नेता के रूप में, मुझसे ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनका मेरे पास कोई उत्तर नहीं है. इसलिए मैंने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी जिम्मेदारियों से त्याग-पत्र दे दिया.
उन्होंने बोला कि वह पार्टी में बने रहेंगे और अल्पसंख्यकों के भलाई में जल्द ही कांग्रेस पार्टी आलाकमान से बात करेंगे. खान ने बोला कि वह राज्य में सभी 48 लोकसभा सीटों पर पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं.
नाराज खान ने कहा, मैं जहां भी जाता हूं, मुझसे पूछा जाता है कि क्या कांग्रेस पार्टी सिर्फ़ मुसलमान वोट चाहती है, क्या उसे किसी मुसलमान लोकसभा उम्मीदवार की आवश्यकता नहीं है.
पार्टी की मुंबई शहर प्रमुख प्रोफेसर वर्षा गायकवाड़ को मुंबई उत्तर मध्य लोकसभा क्षेत्र से पार्टी का उम्मीदवार घोषित करने के एक दिन बाद शुक्रवार देर रात राज्य के कार्यकारी अध्यक्ष के निर्णय ने कांग्रेस-एमवीए को स्तब्ध कर दिया.
खान ने कहा,“मुझे गायकवाड़ को टिकट देने पर कोई विरोध नहीं है, वह मेरी छोटी बहन की तरह है. उन्होंने कहा, मुझे पार्टी के राज्य और केंद्रीय नेतृत्व से कोई कम्पलेन नहीं है. बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के उनके कोशिश को मैं कमजोर नहीं करूंगा.
खान ने बोला कि वह नेहरू-गांधी परिवार के साथ खड़े हैं. उन्होंने बोला कि वह सिर्फ़ कांग्रेस पार्टी पार्टी का समर्थन करने वाले अल्पसंख्यकों के मुद्दों को उठा रहे हैं.
खान ने कहा, “अतीत में, महाराष्ट्र और राष्ट्र के अन्य राज्यों में कई मुसलमान उम्मीदवार चुनावी मैदान में होते थेे, लेकिन इस बार एमवीए ने राज्य में एक भी मुसलमान को टिकट नहीं दिया, जबकि यहां उनकी जनसंख्या लगभग 12 फीसदी है.
2014 और 2019 में, कांग्रेस पार्टी ने अकोला में एकमात्र मुसलमान उम्मीदवार हिदायतुल्ला बरकतुल्ला पटेल को टिकट दिया था, हालांकि वे दोनों बार बीजेपी के संजय एस धोत्रे से हार गए थे.
खान ने दोहराया कि अतीत में उन्होंने हमेशा महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में पार्टी के लिए ईमानदारी से काम किया, लेकिन 2024 में राज्य में किसी भी मुसलमान को पार्टी का टिकट न देने के विरोध में, उन्होंने कांग्रेस पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान से हटने का निर्णय किया.