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मुस्लिम विश्वविद्यालय को मिली पहली महिला कुलपति

 अलीगढ़ मुसलमान यूनिवर्सिटी को सोमवार को अपनी पहली स्त्री कुलपति मिल गई. प्रख्यात मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर नईमा खातून को एक सदी पुराने प्रमुख शैक्षणिक संस्थान में शीर्ष पद पर नामित किया गया है.

शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग की एक अधिसूचना में बोला गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यूनिवर्सिटी के विजिटर होने के नाते प्रोफेसर नईमा खातून को कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से पांच वर्ष की अवधि के लिए या 70 साल की उम्र प्राप्त करने तक (जो भी पहले आए) कुलपति नियुक्त किया है.

इसमें बोला गया है कि चुनाव आयोग से स्वीकृति मिल गई है कि नियुक्ति आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करती है, बशर्ते कि “कोई प्रचार न हो या सियासी फायदा न लिया जाए”.

प्रोफेसर नईमा खातून, जो जुलाई 2014 से एएमयू के स्त्री कॉलेज की प्रिंसिपल हैं, ने मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर और अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है. उनकी विशेषज्ञता का क्षेत्र नैदानिक, स्वास्थ्य, व्यावहारिक सामाजिक और आध्यात्मिक मनोविज्ञान है.

वह अक्टूबर 2015 से सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग, एएमयू की निदेशक भी हैं

राजनीतिक मनोविज्ञान में पीएचडी की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज, दिल्ली और एएमयू में काम किया, वह अगस्त 1988 में लेक्चरर, अप्रैल 1998 में एसोसिएट प्रोफेसर और जुलाई 2006 में प्रोफेसर बनीं.

 

उन्होंने एक शैक्षणिक साल के लिए रवांडा के राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाया.

प्रोफेसर नईमा खातून ने कई राष्ट्रीय और तरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया और शोधपत्र प्रस्तुत किए हैं और व्याख्यान देने के लिए यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया के कई विश्वविद्यालयों का दौरा किया है.

छह पुस्तकों का लेखन/सह-लेखन/संपादन करने और राष्ट्रीय तथा तरराष्ट्रीय ख्याति की पत्रिकाओं में कई पत्र प्रकाशित करने के बाद, उन्होंने 15 पीएचडी थीसिस और बड़ी संख्या में अध्ययन प्रबंधों का पर्यवेक्षण किया है.

उन्हें शैक्षिक प्रशासन में भी काफी अनुभव है. उन्होंने इंदिरा गांधी हॉल और अब्दुल्ला हॉल में प्रोवोस्ट (दो बार) और डिप्टी प्रॉक्टर के रूप में कार्य किया है.

 

 

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