मूसेवाला IVF विवाद मामले में पंजाब के मुख्य स्वास्थ्य सचिव को इस वजह से कारण बताओ नोटिस जारी
चंडीगढ़: पंजाब के प्रसिद्ध गायक दिवंगत सिद्धू मूसेवाला की मां द्वारा आईवीएफ प्रक्रिया का इस्तेमाल कर बच्चे को जन्म देने के मुद्दे में सीएम और स्वास्थ्य मंत्री को जानकारी न देने के लिए स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. राज्य गवर्नमेंट ने इसे ‘गंभीर चूक’ करार दिया. उन्होंने स्वास्थ्य सचिव अजॉय शर्मा से दो हफ्ते के भीतर कारण बताने के लिए बोला है.
साथ ही प्रश्न किया गया है कि उनके विरुद्ध अखिल भारतीय सेवा (Discipline and Appeal) नियम, 1969 के अनुसार कार्यवाही क्यों नहीं प्रारम्भ की जानी चाहिए. सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने पंजाब गवर्नमेंट पर उनके दूसरे बेटे का जन्म होने पर उन्हें परेशान करने का इल्जाम लगाने के बाद यह मुद्दा संज्ञान में आया.
मुख्य सचिव को जारी किए गए नोटिस में बोला गया कि हिंदुस्तान गवर्नमेंट के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सिद्धू मूसेवाला की मां चरण कौर के आईवीएफ इलाज के संबंध में आपसे रिपोर्ट मांगी थी. व्यावसायी नियम 1992 के प्रावधान और इस मुद्दे के महत्व को समझते हुए पहले आपको इसे अपने प्रभारी मंत्री और सीएम के संज्ञान में लाना था और उनसे आदेश लेने के बाद ही इस मुद्दे में आगे कोई कार्रवाई की जानी थी.
इसमें बोला गया कि आपने इस मामले को अपने प्रभारी मंत्री और सीएम के संज्ञान में लाए बिना और उनसे कोई आदेश लिए बिना इस मुद्दे में कार्रवाई की. नोटिस में आगे बोला गया कि आपकी ओर से इस मुद्दे में एक बड़ी चूक हुई है. इसलिए आपसे दो हफ्ते के भीतर यह कारण बताने के लिए बोला जाता है कि आपके विरुद्ध अखिल भारतीय सेवा (Discipline and Appeal) नियम, 1969 के अनुसार कार्यवाही क्यों नहीं प्रारम्भ की जानी चाहिए.
मनसा जिले में शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला की दो वर्ष पहले गोली मारकर मर्डर कर दी गई थी. गायक की मर्डर के लगभग दो वर्ष बाद सिंह और उनकी पत्नी चरण कौर के घर 17 मार्च को बेटा पैदा हुआ. उन्होंने बच्चे को जन्म देने के लिए आईवीएफ प्रक्रिया का इस्तेमाल किया था. मूसेवाला के पिता की उम्र करीब 60 वर्ष है, जबकि उनकी मां चरण कौर 58 साल की हैं.
सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) अधिनियम, 2021 की धारा 21 (जी) (आई) के अनुसार एआरटी) सेवाओं का इस्तेमाल कर बच्चे को जन्म देने के लिए स्त्री की तय उम्र सीमा 21-50 साल के बीच होनी चाहिए. आईवीएफ कृत्रिम गर्भाधान की एक प्रक्रिया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के निदेशक एस के रंजन द्वारा लिखा गए पत्र में बोला गया कि इसलिए आपसे निवेदन है कि आप इस मुद्दे की जांच करें और एआरटी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के मुताबिक इस मुद्दे में की गई कार्रवाई की एक रिपोर्ट विभाग को सौंपे.
यह पत्र पंजाब के मुख्य स्वास्थ्य सचिव को लिखा गया था. पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने बुधवार को बोला था कि केंद्र ने इस मुद्दे पर राज्य गवर्नमेंट से रिपोर्ट मांगी थी. उन्होंने बोला कि आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व वाली पंजाब गवर्नमेंट ने परिवार को परेशान नहीं किया.