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राउज ऐवन्यू कोर्ट ने CBI मामले में बढ़ा दी मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत

नई द‍िल्‍ली दिल्ली शराब नीति से जुड़े केन्‍द्रीय जांच ब्‍यूरो (CBI) के मुद्दे में चार्ज फ्रेम (आरोप तय) करने पर अभी प्रारम्भ नहीं करने की मांग को लेकर अर्जी दाखिल की गई इस मुद्दे की सुनवाई के दौरान सभी आरोप‍ियों की तरफ से दाख‍िल याच‍िका पर याचिकाकर्ता के वकील ने बोला कि इस मुद्दे की सुनवाई के दौरान जांच अध‍िकार (आईओ) ने बोला था कि मुद्दे में जांच तीन-चार महीने में पूरी जो जाएगी, लेकिन अभी तक मुद्दे में जांच चल रही है

याचिकाकर्ता के वकील ने बोला कि न्यायालय ने अपने आदेश में बोला था कि यदि मुद्दे की जांच के दौरान CBI किसी को अरैस्ट करती है तो चार्ज फ्रेम करने पर सुनवाई प्रारम्भ नहीं होगी याचिकाकर्ता के वकील ने बोला कि न्यायालय के इस आदेश के बाद मुद्दे में गिरफ्तारी हुई और 164 का बयान भी रिकॉर्ड क‍िए गए है ऐसे में अभी मुद्दे में चार्ज फ्रेम करने पर सुनवाई प्रारम्भ नहीं होनी चाहिए

वहीं CBI ने आरोप‍ियों की इस याच‍िका का व‍िरोध क‍िया और बोला क‍ि जितनी चार्जशीट दाखिल हुए है उसी पर हम बहस करेंगे नयी चार्जशीट पर या जो जांच जारी है उस पर अभी चार्ज फ्रेम करने पर कोई बहस नहीं करेंगे न्यायालय ने बोला कि अभी तक हमको आपकी याचिका की कॉपी नहीं मिली है आपको समय से याचिका दाखिल करनी चाहिए थी ताकि आज आपकी याचिका पर सुनवाई हो सके

कोर्ट ने CBI से मांगा जवाब
कोर्ट ने बोला कि यदि अपने उच्च न्यायालय में कोई याचिका दाखिल किया है तो उसका आदेश दिखाइए याचिकाकर्ता के वकील ने बोला कि उच्च न्यायालय अभी याचिका सुनवाई के लिए नहीं आई है वहीं दिल्ली शराब नीति से जुडें CBI मुद्दे में चार्ज फ्रेम करने पर अभी प्रारम्भ नहीं करने की मांग वाली याचिका पर राउज ऐवन्यू न्यायालय ने सीबीआई से उत्तर मांगा है

आरोप‍ियों के वकील ने क्‍यों मांगी माफी
राउज ऐवन्यू न्यायालय ने सीबीआई मुद्दे में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ाई दी है राउज ऐवन्यू न्यायालय में मुद्दे में अगली सुवनाई 7 मई को होगी आरोपियों के वकील ने न्यायधीश ने बोला कि हमको न्यायालय रूम से वॉक आउट नहीं किया था, हम उसके लिए माफी भी मांगते है न्यायधीश ने नाराजगी जताते हुए बोला कि हमने पहले बार इस तरह का बर्ताव देखा है, जैसे आपकी दलील पूरी हुई आप सभी न्यायालय के बाहर चले गए, यह किस तरह का बर्ताव है कि आप सभी न्यायालय के बाहर बिना न्यायालय से इजाजत लिए और न्यायालय को बिना बातए चले गए थे

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