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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म विभूषण पुरस्कार से किया सम्मानित

M. Venkaiah Naidu : पूर्व उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार ( 23 अप्रैल ) को एक बड़ा बयान दिया है, उन्होंने बोला है, कि नेताओं द्वारा बार-बार दल बदलना परेशान करने वाला है उन्होंने दल-बदल कानून को और मजबूत करने को लेकर मांग की है पद्म पुरस्कार मिलने के बाद अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नायडू ने बोला कि चुनाव के दौरान ‘मुफ्त के उपहार’ देने की घोषणा नुकसानदायक है और इसे हतोत्साहित किया जाना चाहिए साथ ही लोगों को भी दलों और नेताओं के इन बड़े-बड़े वादों पर प्रश्न करना चाहिए

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया

नायडू को सोमवार ( 22 अप्रैल )  शाम राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया साथ ही उन्होंने कहा, कि दलबदल को हतोत्साहित किया जाना चाहिए हमें दल-बदल रोधी कानून को मजबूत करना चाहिए पूर्व उप राष्ट्रपति ने कहा, अब, चिंता की बात यह है कि सार्वजनिक जीवन में मानकों में गिरावट आ रही है सियासी दलों में, लोग अक्सर अपनी पार्टियां बदलते हैं

नवीनतम प्रवृत्ति यह है, कि लोग सुबह एक पार्टी में होते हैं और शाम को दूसरी पार्टी में शामिल हो जाते हैं और फिर वे अपने नेता की निंदा करते हैं और दाएं-बाएं बातें कहते हैं, उनमें से कुछ को टिकट मिलने में भी वरीयता मिलती है उन्होंने कहा, यह बहुत परेशान करने वाली प्रवृत्ति है और लोगों को इससे बचना चाहिए

लोगों को दलों में काम करना चाहिए और अपनी साख साबित करनी चाहिए यदि कोई पार्टी बदलना चाहता है, तो उसे उस पार्टी द्वारा दिए गए पद से त्याग-पत्र दे देना चाहिए और उसके बाद ही दूसरी पार्टी में शामिल होना चाहिए कोई भी समझ सकता है कि इल्जाम लगा रहे हैं, लेकिन जो हो रहा है वह इल्जाम नहीं बल्कि अनुचित व्यवहार है साथ ही उन्होंने बोला कि एक और अस्वस्थ प्रवृत्ति यह है कि लोग दाएं-बाएं वादे कर रहे हैं, बिना यह सोचे कि पैसा कहां से आएगा, क्योंकि पैसा तो है नहीं

पूर्व उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, कि सियासी दलों को एक घोषणा पत्र जारी करना चाहिए और दूसरा, राज्य की वित्तीय स्थिति के अनुकूल योजनाएं लानी चाहिए और तीसरा, उन्हें बताना चाहिए कि संसाधन कैसे जुटाए जाएंगे और फिर वे उसे कैसे खर्च करना चाहते हैं साथ ही उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि कैसे सब-कुछ निःशुल्क में देना संभव है क्योंकि ‘पैसे पेड़े पर नहीं उगते

मुफ्त के उपहार के विरुद्ध नायडू 

नायडू ने बोला कि राज्यों पर लाखों करोड़ रुपये का बोझ है, फिर भी नेता सब-कुछ निःशुल्क में देने के वादे कर रहे हैं उन्होंने कहा, कि मैं निःशुल्क के उपहार के विरुद्ध हूं मैं इसके पक्ष में हूं कि दो चीजें शिक्षा और स्वास्थ्य निःशुल्क दी जानी चाहिए शिक्षा और स्वास्थ्य निःशुल्क कीजिए और बाकी अन्य से बचेंवे यह नहीं कर रहे हैं’’

राजनीतिक दलों से प्रश्न करना चाहिए

उन्होंने आगे कहा, कि इस तरह के वादों और निःशुल्क सुविधाओं को हतोत्साहित किया जाना चाहिए और सियासी दलों से प्रश्न करना चाहिए कि आप संसाधन कैसे जुटाने जा रहे हैं घोषणापत्र और संसाधन जुटाने और राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य को लोगों के सामने पेश किया जाना चाहिए

उम्मीदवारों से की अपील

पूर्व उप राष्ट्रपति ने सार्वजनिक जीवन के मानकों में आ रही भारी गिरावट की आलोचना करते हुए बोला कि लोग स्वस्थ निंदा करने के बजाय अपने सियासी प्रतिद्वंद्वियों को गाली दे रहे हैं और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं नायडू ने मतदाताओं से उन उम्मीदवारों को खारिज करने की अपील की जो अश्लील भाषा का इस्तेमाल करते हैं और खुले तौर पर करप्शन के लिए जाने जाते हैं साथ ही उन्होंने बोला कि दलों को दूसरों पर इल्जाम लगाने के बजाय वैकल्पिक नीतियां पेश करनी चाहिए

आंध्र प्रदेश से जाकर तमिलनाडु बस गए एक धार्मिक संत से मुलाकात का उल्लेख करते हुए नायडू ने बोला कि मुसलमान मूल के होने के बावजूद वह हर सुबह राम भजन गाते हैं उन्होंने बोला कि संस्कृति जीने का तरीका है जबकि धर्म प्रार्थना का तरीका पूर्व उप राष्ट्रपति ने कहा, कि राम राष्ट्र की संस्कृति हैं और वह धार्मिक आदमी नहीं है राम एक आदमी के तौर पर, महान शासक के रूप में, महान पिता और पुत्र के रूप में आदर्श हैं, वह मर्यादा पुरुषोत्तम हैं

उन्होंने बोला कि लोगों को उनका संदेश है कि उन्हें सार्वजनिक जीवन में रुचि लेनी चाहिए न सिर्फ़ राजनीति में, नायडू ने बोला कि उन्होंने राजनीति में उच्च मूल्यों को बनाए रखा है और याद किया कि कैसे उन्होंने सभापति के रूप में राज्यसभा की गरिमा और मर्यादा को बनाए रखने का कोशिश किया था साथ ही उन्होंने सांसदों को राय दी कि वे बहस करें, चर्चा करें और फैसला लें और सदन की कार्यवाही को बाधित न करें

नायडू ने याद दिलाया कि राज्यसभा के सभापति रहने के दौरान हुए मुख्य क्षणों में अनुच्छेद 370 को खारिज करने पर विधेयक पेश करना और पारित करना था साथ ही उन्होंने कहा, कि रिज़ल्ट सभी के सामने हैं आज, कश्मीर शांति का स्वर्ग है जो पर्यटकों और निवेश को आकर्षित करता है पूर्व उपराष्ट्रपति ने बोला कि राष्ट्र प्रगति कर रहा है और कई प्रमुख पश्चिमी शक्तियां देश की इस असाधारण विकास को पचा नहीं पा रही हैं उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान के विकास को रोका नहीं जा सकता

उन्होंने आगे कहा, कि लेकिन साथ ही, वे (प्रमुख पश्चिमी शक्तियां) हिंदुस्तान को नजरअंदाज नहीं कर सकते और उन्हें हिंदुस्तान के साथ संबंध बनाए रखना होगा वर्तमान स्थिति में हिंदुस्तान को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है नायडू ने कहा, कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और हमें इसे सबसे स्वस्थ और आदर्श लोकतंत्र बनाने का कोशिश करना चाहिए, यह सभी दलों को सुनिश्चित करना होगा

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