राष्ट्रीय

सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना का उद्देश्य लड़कियों को करना है शिक्षित

 सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना का उद्देश्य हर वर्ग की लड़कियों को शिक्षित करना है. शिक्षित होकर ही बच्चे आत्मनिर्भर बन सकते हैं.

बालिका समृद्धि योजना लड़कियों को शिक्षित करने के लिए गवर्नमेंट द्वारा संचालित योजना है. इसकी आरंभ 1993 में हुई थी.

इस योजना का फायदा गरीबी रेखा से नीचे यानी बीपीएल परिवारों में जन्मी बेटियों को मिलता है. इस योजना के जरिए गवर्नमेंट उनकी आर्थिक सहायता करती है. जिससे बेटियों का भविष्य सुरक्षित हो सके.

बालिका समृद्धि योजना के माध्यम से लड़कियों के माता-पिता के लिए अपनी बेटियों को पढ़ाना सरल हो जाता है. इस योजना के जरिए गवर्नमेंट बेटियों के जन्म से लेकर उनकी पढ़ाई तक का सारा खर्च वहन करती है.

इस योजना के अनुसार बेटी के जन्म के बाद मां को 500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. इसके बाद उनकी पढ़ाई के लिए हर वर्ष छात्रवृत्ति दी जाती है. जिसमें कक्षा I-III तक की प्रत्येक छात्रा को रु. 300, कक्षा 5-10 छात्रवृत्ति राशि: रु. 600, रु. 700, रु. 800, और रु. 1000 प्रति साल दिया जाता है.

अगर आप बालिका समृद्धि योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आप औनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आवेदन कर सकते हैं. यदि आप ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको किसी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या स्वास्थ्य सेवा केंद्र पर जाकर फॉर्म लेना होगा.

बालिका समृद्धि योजना के अनुसार अपनी बेटी का नाम दर्ज कराने के लिए आपको कई तरह के दस्तावेजों की जरूरत होगी. इसमें बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र यानी बर्थ सर्टिफिकेट भी शामिल है.

माता-पिता या सम्बन्धी का पहचान-पत्र पहचान-पत्र के लिए आप राशन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक एकाउंट पासबुक आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button