सीट बंटवारे पर बढ़ी टेंशन, एकनाथ शिंदे के साथ अपना अहसान याद दिला रही भाजपा
Mumbai: महाराष्ट्र में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में अब तक निर्णय नहीं हो सका है। एक तरफ बीजेपी चाहती है कि उसके उम्मीदवार राज्य की कम से कम 35 सीटों पर लड़ें। वहीं एकनाथ शिंदे एवं अजित पवार गुट को 13 से 16 सीटें दी जाएं। होम मिनिस्टर अमित शाह स्वयं मंगलवार को मुंबई गए थे। उन्होंने यह प्रस्ताव महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार गुट की एनसीपी के आगे रखा था। लेकिन दोनों दलों ने इस प्रस्ताव को अब तक स्वीकार नहीं किया है। इस बीच समाचार है कि बीजेपी ने 35 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को लगभग तय कर लिया है।
भाजपा ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार गुट की एनसीपी से बोला है कि ‘कमल’ के सिंबल पर ही जीत की अधिक संभावनाएं हैं। इसलिए बीजेपी को लोकसभा चुनाव में अधिक सीटें लड़ने दें और उसकी भरपाई विधानसभा चुनाव में कर लीजिए। इस पर भी अब तक सहमति नहीं बन सकी है। ऐसे में अब बीजेपी एकनाथ शिंदे को वह अहसान याद दिलाने लगी है, जिसके अनुसार कम सीटों के बाद भी एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद दिया गया। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी नेतृत्व ने एकनाथ शिंदे को यह बात याद दिलाई है।
यही नहीं स्वयं डिप्टी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी अब यही बात दोहरा रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को भी कहा, ‘हमारे पास 115 विधायकों का समर्थन था। लेकिन हमने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया और उनका समर्थन कर रहे हैं।‘ बीजेपी नेताओं का बोलना है कि लोकसभा चुनाव में अधिक सीटें छोड़ना कोई बड़ा समझौता नहीं है। बीजेपी नेताओं का बोलना है कि यदि एकनाथ शिंदे और अजित पवार कम लोकसभा सीटों पर राजी हो जाते हैं तो फिर विधानसभा में उन्हें अधिक सीटें दी जाएंगी। बीजेपी का बोलना है कि हमारे पास सांसदों की संख्या भी अधिक है। अजित पवार गुट के पास तो एक ही सांसद है।
ऐसे में उन्हें अधिक सीटें देना समझदारी नहीं होगा। बता दें कि मीटिंग में एकनाथ शिंदे ने अमित शाह से 13 सीटों की मांग की थी। इस पर अमित शाह ने उन्हें 9 सीटों का ऑफर दिया है। इसके अतिरिक्त अजित पवार गुट की ओर से 8 सीटों की मांग पर 4 का ऑफर मिला है। इन 4 सीटों में से एक बारामती की सीट भी होगी, जो शरद पवार का गढ़ रही है। बीजेपी का बोलना है कि लोकसभा चुनाव में अधिक सीटें जीतना मकसद है। यह तभी संभव होगा, जब कमल के सिंबल पर चुनाव लड़ा जाए। बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे के एकाध समर्थक को भी बीजेपी अपने ही सिंबल पर उतार सकती है।