सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए भारत का बड़ा प्लान
भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं. मेक इन इण्डिया विजन के अनुसार राष्ट्र में सेमीकंडक्टर बनाने के लिए हिंदुस्तान का पूरा प्लान तैयार है. इसकी जानकारी हाल ही में आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने दी. मंत्री ने लाइव डेमो देकर कहा कि कैसे आईटी मंत्रालय हिंदुस्तान में सर्व-समावेशी सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के लिए काम कर रहा है, जो कि पीएम मोदी के मेक इन इण्डिया विजन के अनुसार तैयार किया जाएगा.
आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव का एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें वे बता रहे हैं कि हिंदुस्तान में एक व्यापक सेमीकंडक्टर सेटअप कैसे तैयार किया जाएगा. यह वीडियो 4 मिनट लंबा है. इसमें मंत्री समझा रहे हैं कि गवर्नमेंट किस फॉर्मूले पर काम कर रही है. इसमें हजारों प्रतिभाशाली लोग शामिल होंगे, एक रिसर्च सिस्टम होगा जिसमें राष्ट्र की सैकड़ों यूनिवर्सिटी शामिल होंगी. दरअसल केबिनेट ने हिंदुस्तान में तीन सेमीकंडक्टर यूनिट्स को स्वीकृति दी है. इसके बाद आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव मीडिया से रूबरू हुए जिसके दौरान उन्होंने एक व्हाइटबोर्ड पर पूरे प्लान का ब्लू प्रिंट समझाया. उन्होंने इस दौरान योजना के हरेक स्टेप के बारे में डिटेल में बताया.
इस पूरी प्रक्रिया में चार मुख्य कंपोनेंट शामिल होंगे जिसमें डिजाइन, फेब्रिकेशन, एसेम्बली-टेस्टिंग-मार्किंग-पैकेजिंग, और इलेक्ट्रॉनिक्स मैनुफैक्चरिंग की बात की गई है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले एक टैलेंट पूल इसके लिए तैयार किया जा रहा है, यानी प्रतिभाशाली लोगों को इसमें जोड़ा जाएगा. उसके बाद दूसरी बड़ी चीज होगी रिसर्च और डेवलेपमेंट. इसके बारे में आगे बताते हुए उन्होंने बोला कि इस प्रक्रिया में जो सबसे अधिक मुश्किल, और सबसे अधिक महंगा टूल है, उसे इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन कहते हैं जो कि Cadence, Synopsys, और Siemens द्वारा सप्लाई किया जाएगा. ये टूल बहुत महंगे हैं. मंत्री ने बोला कि यदि इसे खरीदने जाओ तो इसके लिए लाइसेंस 10 से 15 करोड़ रुपये में मिलता है. इसलिए कंपनियों से बात की गई है, उनके ईडीए टूल लिए गए हैं और राष्ट्र की 104 यूनिवर्सिटी में पहुंचाए गए हैं.
केंद्र गवर्नमेंट ने बीते दिन हिंदुस्तान में तीन सेमीकंडक्टर यूनिट्स के लिए स्वीकृति दी है. पिछले कुछ वर्षों से सेमीकंडक्टर्स की डिमांड तेजी से बढ़ी है. इसकी मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों की संख्या कम होने से डिमांड को पूरा करने में कठिन हो रही है. राष्ट्र में तीन सेमीकंडक्टर यूनिट्स का कंस्ट्रक्शन जल्द प्रारम्भ हो जाएगा. पहली यूनिट टाटा ग्रुप और पावरचिप-ताइवान की होगी. यह गुजरात के धोलेरा में लगेगी. तीनों यूनिट्स में कुल 1.26 लाख करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट होगा