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2019 चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने इन सभी 6 सीटों पर दर्ज की थी जीत

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को वोटिंग होगी. जिन 89 लोकसभा सीटों पर चुनाव होंगे उनमें मध्यप्रदेश की 6 संसदीय सीटें भी शामिल हैं. दूसरे चरण के चुनाव में मध्यप्रदेश की जिन लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है उनमें टीकमगढ़ लोकसभा सीट, दमोह लोकसभा सीट, खजुराहो लोकसभा सीट, सतना लोकसभा सीट, रीवा लोकसभा सीट और होशंगाबाद लोकसभा सीट हैं. इन छह लोकसभा सीटों पर कुल 80 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

लगातार सात बार से सांसद वीरेंद्र सिंह और चार बार से सतना लोकसभा सीट जीतने वाले गणेश सिंह की राजनीतिक साख दांव पर है. कांग्रेस पार्टी विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा भी लोकसभा के चुनावी समर में उतरे हैं. 2019 चुनाव की बात करें तो भाजपा ने इन सभी 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

टीकमगढ़

टीकमगढ़ से बीजेपी के चिकित्सक वीरेंद्र कुमार और कांग्रेस पार्टी के पंकज अहिरवार के बीच मुकाबला बताया जा रहा है. गठबंधन की वजह से समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा. जबकि BSP ने दल्लूराम अहिरवार को टिकट दिया है. यहां सात बार सांसद और दो बार केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार के सामने कांग्रेस पार्टी ने ऐसे कैंडिटेड को उतारा है जो अवना पहला चुनाव लड़ रहे हैं.

इस क्षेत्र में भले ही 5 लाख के आसपास अहिरवार वोट हो लेकिन तीन लोकसभा चुनाव से कांग्रेस पार्टी के अहिरवार कैंडिटेड हार रहे हैं. इस लोकसभा में टीकमगढ़, जतारा, खरगापुर, पृथ्वीपुर, निवारी, महाराजपुर, छतरपुर और बिजावर यहां विधानसभा सीट हैं. इन 8 में से 3 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी जीत कर आई है जबकि 5 पर बीजेपी.

दमोह

विधानसभा चुनाव में हार का स्वाद चखने वाले राहुल लोधी को भाजपा ने दमोह से लोकसभा प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस पार्टी ने तरबर सिंह लोधी का सामने रखा है. ये दोनों ही कैंडिटेट एक-एक बार MLA रह चुके हैं. इस सीट को कभी कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता था.

1989 से भाजपा ने यहां से अपनी जीत का क्रम प्रारम्भ किया और तब से यह जारी है. इस लोकसभा के अंदर 8 विधानसभा क्षेत्र दमोह, हटा, जबेरा, पथरिया, बड़ा मलहरा, देवरी, रहली, बंडा आते हैं. यदि हम दमोह लोकसभा सीट की बात करें तो यहां 8 विधानसभा सीटों में से केवल 1 पर ही कांग्रेस पार्टी ने अपना कब्जा किया है और वह सीट मलहरा है.

खजुराहो

खजुराहो सीट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को फिर से मौका मिला है. जबकि यह सीट इण्डिया गठबंधन के अनुसार सपा को दी गई थी लेकिन समाजवादी पार्टी उम्मीदवार मीरा यादव का पर्चा रद्द होने से वीडी शर्मा को लगभग वॉकओवर मिल गया है.

यह सीट भाजपा का गढ़ रही है, 1999 के लोकसभा चुनाव को छोड़ दें तो 1989 से यहां पर भाजपा का दबदबा रहा है. खजुराहो संसदीय क्षेत्र में शामिल 8 विधानसभा क्षेत्र चंदला, रामनगर, पवई, गुनौर, पन्ना, विजयराघवगढ़, मुड़वारा, बहोरीबंद हैं. यहां की सभी विधानसभा में भाजपा का कब्जा है.

सतना

सतना से चार बार के सांसद गणेश सिंह को भाजपा ने इस बार भी अपना प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस पार्टी ने सतना से विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को टिकट दिया है. नारायण त्रिपाठी को बसपा (बसपा) ने उतारा है. नौ निर्दलीय समेत कुल 14 प्रत्याशी इस सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

बता दें कि विधानसभा चुनाव में गणेश सिंह को सिद्धार्थ कुशवाहा ने 4041 मतों से हराया था. सतना लोकसभा सीट में सतना, रामपुर बघेलान, नागौद, रैगांव, चित्रकूट, मैहर, अमरपाटन विधानसभा सीट आती हैं. इन 7 सीटों में से 2 पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा है और यह दो सीटें सतना एवं अमरपाटन हैं.

रीवा

रीवा लोकसभा में भाजपा ने जनार्दन मिश्रा को दूसरी बार टिकट दिया गया है, जबकि भाजपा की विधायक रहीं नीलम अभय मिश्रा को कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा के मैदान में उतारा है. 2018 में नीलम मिश्रा ने कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन किया था. पिछले पांच चुनाव परिणामों को देखें तो इस सीट पर तीन बार भाजपा और एक-एक बार BSP और कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार अपना परचम लहरा चुके हैं.

रीवा लोकसभा में आठ विधानसभा क्षेत्र रीवा, गुढ़, सेमरिया, सिरमौर, मनगवां, त्योंथर, मऊगंज और देवतालाब हैं. रीवा संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा में से केवल एक सीट पर ही कांग्रेस पार्टी का कब्जा है और वह सीट है सेमरिया.

होशंगाबाद

लंबे समय तक भाजपा में रहने वाले संजय शर्मा को कांग्रेस पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि किसान नेता दर्शन सिंह पर भाजपा ने दांव लगाया है. होशंगाबाद जिसे अब नर्मदापुरम के नाम से जाना जाता है, यहां की सभी 8 विधानसभा में भाजपा का कब्जा है. इस लोकसभा में होशंगाबाद, सिवनी-मालवा, सोहागपुर, पिपरिया, गाडरवारा, नरसिंहपुर, तेंदुखेड़ा और उदयपुरा विधानसभा सीट आती हैं.

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