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AFSPA: जम्मू-कश्मीर से एएफएसपीए रद्द करने पर करेंगे विचार

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बोलना है कि केंद्र गवर्नमेंट जम्मू और कश्मीर में सशस्त्र बल अधिनियम को रद्द करने पर विचार करेगी. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बोला कि गवर्नमेंट वहां से सैनिकों को वापस बुलाने और कानून प्रबंध को अकेले जम्मू और कश्मीर पुलिस पर छोड़ने की योजना बना रही है. उन्होंने बोला कि पहले जम्मू और कश्मीर पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता था लेकिन अब वे विभिन्न ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे हैं.

 

क्या होता है एएफएसपीए

 

बता दें, एएफएसपीए (AFSPA) सशस्त्र बलों के उन जवानों को अधिकार देता है, जो अशांत क्षेत्रों में काम कर रहे हैं कि यदि “सार्वजनिक प्रबंध के रखरखाव” के लिए उन्हें आवश्यकता पड़ती है तो वे तालाशी, गिरफ्तारी और गोली चला सकतें हैं. सशस्त्र बलों के संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए AFSPA के अनुसार किसी क्षेत्र या जिले को अशांत घोषित किया जाता है.

फारूक-महबूबा को आतंकवाद पर बोलने का अधिकार नहीं

 

साक्षात्कार के दौरान, शाह ने विपक्षी नेता फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधा. शाह ने बोला कि दोनों नेताओं पर आतंकवाद पर बोलने का अधिकार नहीं है. जितनी फर्जी मुठभेड़ें उनके समय में हुईं हैं, इतनी कभी नहीं हुईं हैं. पिछले पांच सालों में एक भी फर्जी एनकाउंटर नहीं हुई. बल्कि फर्जी मुठभेड़ों में शामिल लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है. हम कश्मीर के युवाओं के साथ वार्ता करेंगे न कि उन संगठनों के साथ जिनकी जड़ें पाक में हैं.

 

आतंकियों की कमर तोड़ रही है सरकार

 

शाह ने आगे बोला कि मोदी गवर्नमेंट ने आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए 12 संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है. 36 व्यक्तियों को आतंकी के रूप में नामित किया है. आतंक के वित्तपोषण को रोकने के लिए 22 से अधिक मुद्दे दर्ज किए गए हैं और 150 करोड़ रुपये की संपत्ति बरामद की है. उन्होंने बोला कि 90 संपत्तियां भी कुर्क की गईं और 134 बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं.

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