आखिर क्या है चुनावी बॉण्ड का ‘यूनिक नंबर’
नई दिल्ली: जहां एक तरफ बीते सोमवार से उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में भारतीय स्टेट बैंक के इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) मुद्दे पर सुनवाई चल रही है. वहीं इस मामले में उच्चतम न्यायलय की संविधान पीठ ने इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनीक नंबर (Unique Number) का खुलासा न करने पर स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया को फटकार लगाई थी. बीता दें कि शीर्ष न्यायालय ने इस योजना को रद्द करते हुए भारतीय स्टेट बैंक को बीते 5 सालों में किए गए दान पर सभी डिटेल शेयर करने का निर्देश दिया था.
इस मामले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने साफ़ बोला था कि, भारतीय स्टेट बैंक को अपनी हर महत्वपूर्ण जानकारी देनी होगी। जिस पर बैंक ने बोला कि उसे बदनाम किया जा रहा है. ऐसे में आज भारतीय स्टेट बैंक को आज जारी हुए इलेक्टोरल बॉन्ड की यूनिक आईडी चुनाव आयोग के साथ शेयर करना है, जो कि उच्चतम न्यायालय का साफ़ निर्देश है.
गौरतलब है कि, चुनावी बॉण्ड मुद्दे में, उच्चतम न्यायालय ने बीते 11 मार्च को ही भारतीय स्टेट बैंक को निर्देश दिया था कि वह 12 मार्च को कामकाजी घंटों के अंत तक निवार्चन आयोग को बॉण्ड के विवरण का खुलासा करे. जिस पर भारतीय स्टेट बैंक ने आदेश का पालन करते हुए जो आंकड़े चुनाव आयोग को दिए उसमें बॉन्ड नंबर का उल्लेख नहीं किया, जबकि इसबाबत भी साफ आदेश दिया गया था.
दरअसल उच्चतम न्यायालय ने जिस यूनिक नंबर की बात की है वो दरअसल हर इलेक्टोरल बॉन्ड पर अंकित रहता है. यूनिक नंबर हर बॉन्ड पर भिन्न-भिन्न ही होता है. एनी मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारतीय स्टेट बैंक जो भी इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करता है, उस पर दर्ज एक नंबर आंखों से सीधे तौर पर नहीं नहीं दिखता. लेकिन उसे अल्ट्रावायलेट किरणों (UV लाइट्स) में देखा जा सकता है. ये नंबर दरअसल ‘अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षरों और संख्याओं’ से मिलकर (अल्फान्यूमेरिक) होते हैं.
‘यूनिक नंबर’ से क्या पता चलेगा
बता दें कि, इस ‘यूनिक नंबर’ से यह पता चलेगा कि, आखिर कोई खास बॉन्ड किसने खरीदी और किसके लिए खरीदी है. इस ‘यूनिक नंबर’ से साफ-साफ पता चल जाएगा कि किस कंपनी, संस्था या आदमी ने किस सियासी दल को कितना चंदा दिया है. अभी भारतीय स्टेट बैंक ने जो जानकारियां चुनाव आयोग को दी हैं, उससे यह पता नहीं चल पा रहा है कि आखिर किस पार्टी को किससे कितना चंदा मिला है. बस अभी यही पता चला है कि किस कंपनी ने कितनी मूल्य के इलेक्टोरल बॉन्ड्स खरीदे हैं और किस-किस पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड्स के कितने पैसे मिले हैं.