हिंसा और विवाद के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिया ये बड़ा बयान
लोकसभा चुनाव-2024 से पहले पश्चिम बंगाल की राजनीति गरमा गई है। पूर्वी हिंदुस्तान का प्रमुख राज्य एक बार फिर राष्ट्रीय सुर्खियों में है। इसकी वजह संदेशखाली में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेताओं का रवैया और क्षेत्रीय लोगों द्वारा जताया गया प्रतिरोध है। अत्याचार और टकराव के बीच पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बोला कि उन्हें कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है। यदि वह कुछ कहेंगी तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम उनके घर पहुंच जायेगी। इसके अतिरिक्त उन्होंने धर्मनिरपेक्षता और भारतीय संघवाद पर भी अपनी राय रखी है।
संविधान का क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा ही किया जाता है
एक कार्यक्रम में ममता ने बोला कि मौलिक अधिकारों और राष्ट्र की संप्रभुता के बीच संतुलन से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। यदि संविधान को सिर्फ़ एजेंसी द्वारा क्रियान्वित किया जाना है तो हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते। सीएम ने इल्जाम लगाया कि राष्ट्र में संघवाद पूरी तरह से नष्ट हो गया है।
राज्यों को GST का हिस्सा नहीं मिल रहा है
ममता ने यह भी इल्जाम लगाया कि कई राज्यों को GST का हिस्सा नहीं मिल रहा है। सीएम ने कहा, “अगर कोई कहता है कि धर्मनिरपेक्षता खराब है, समानता अकल्पनीय है, लोकतंत्र घातक है और संघीय ढांचा एक आपदा है, तो हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते।” उन्होंने बोला कि यदि कोई कहता है कि संविधान को बदलने की आवश्यकता है, तो यह गलत है। विचारधारा या किसी को। नजरिया खुश करने का है।
भारत राष्ट्रपति चुनाव की ओर बढ़ रहा है: ममता
सीएम ने आगे प्रश्न किया कि क्या हिंदुस्तान राष्ट्रपति चुनाव की ओर बढ़ रहा है। बनर्जी ने बोला कि संविधान की भावना उसकी प्रस्तावना है। सीएम ने बोला कि राष्ट्र का संविधान बहुत ही परिश्रमपूर्वक लोकतंत्र, संघवाद और धर्मनिरपेक्षता को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
ममता ने बोला कि मौलिक अधिकारों और राष्ट्र की संप्रभुता के बीच अच्छे संतुलन से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
ईडी पर तंज कसा
एक कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान ममता बनर्जी ने कहा, ‘अगर संविधान सिर्फ़ एजेंसियों द्वारा चलाया जाएगा तो हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते।’ संविधान को जनता का बताते हुए मुख्यमंत्री ममता ने आगे कहा, ‘मुझे बोलने का कोई अधिकार नहीं है। यदि मैं कठोरता से कहूंगा तो कल प्रवर्तन निदेशालय (प्रवर्तन निदेशालय) मेरे घर आयेगा।