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अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी अर्जी लिया वापस

दिल्ली के शराब घोटाले में अरैस्ट अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार की रात को ही उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. फिर शुक्रवार को सुबह ही उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी शीर्ष न्यायालय पहुंचे. प्रवर्तन निदेशालय के ऐक्शन के विरुद्ध दाखिल अर्जी पर जस्टिस संजीव खन्ना की प्रतिनिधित्व वाली तीन जजों की बेंच सुनवाई को ही राजी हो गई. लेकिन फिर अचानक ही अरविंद केजरीवाल ने अपनी अर्जी को वापस ले लिया. उनके वकील का बोलना था कि अभी अरविंद केजरीवाल की रिमांड अर्जी पर सुनवाई होनी है. हम निचली न्यायालय में रिमांड का विरोध करेंगे और उनकी गिरफ्तारी को चैलेंज करेंगे. यदि वहां राहत नहीं मिली तो फिर वापस उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे.

सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय की तैयारी है कि अरविंद केजरीवाल की 10 दिनों की हिरासत मांगी जाए. वहीं उनके वकील सोमनाथ भारती हिरासत दिए जाने को तो चैलेंज करेंगे ही, इसके अतिरिक्त गिरफ्तारी को भी गलत बताते हुए उन्हें रिहा करने की मांग रखेंगे. सिंघवी ने जस्टिस खन्ना से कहा, ‘ट्रायल न्यायालय रिमांड की कार्यवाही और उच्चतम न्यायालय की सुनवाई के बीच क्लैश हो रहा है. इसलिए हमने अर्जी वापस लेने का निर्णय लिया. हम पहले रिमांड को चुनौती देंगे और उसके बाद आपके सामने आएंगे. हम रजिस्ट्री को लेटर देंगे.‘ जस्टिस खन्ना के अतिरिक्त जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी भी उस बेंच शामिल थे, जिससे अर्जी वापस ले ली गई.

केजरीवाल ने स्वयं वापस ली SC से अर्जी, प्रवर्तन निदेशालय की ओर से गिरफ्तारी को दिया था चैलेंज

दरअसल गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल को राहत देने से इनकार कर दिया था. केजरीवाल ने बोला था कि वह प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ में शामिल होने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें यह भरोसा दिए जाए कि उन्हें इस दौरान अरैस्ट नहीं किया जाएगा. इस पर न्यायालय में सॉलिसिटर जनरल का बोलना था कि यह तो पूछताछ के दौरान ही पता चलेगा कि उन्हें अरैस्ट करने की आवश्यकता है या नहीं. अभी हम यह नहीं कह सकते कि उन्हें अरेस्ट किया जाएगा या फिर नहीं. न्यायालय से जब राहत नहीं मिली तो फिर एजेंसी के अधिकारी कुछ घंटे बाद ही अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचे थे और सर्च के बाद उन्हें देर रात अरेस्ट कर लिया गया.

बता दें कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाले की पूछताछ से जुड़ने के लिए अरविंद केजरीवाल को 9 समन जारी किए थे. लेकिन उन्होंने इन समन को गैरकानूनी बताते हुए पूछताछ के लिए जाने से ही इनकार कर दिया था. इसकी बजाय वह न्यायालय का रुख करते रहे, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली. अंत में गुरुवार को एजेंसी ने उन्हें घर जाकर ही अरेस्ट कर लिया. हालांकि अब तक यह साफ नहीं है कि प्रवर्तन निदेशालय उन्हें शराब घोटाले में किस हैसियत से पूछताछ के लिए बुला रही है. उन्हें गवाह के तौर पर बुलाया जा रहा है या फिर आरोपी के तौर पर समन जारी हो रहे हैं.

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