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G-20 समिट में भारत आने से पहले ब्रिटिश PM ऋषि सुनक ने कहा…

Sanatana Dharms Controversy: भारत में कुछ नेता सनातन धर्म पर प्रश्न उठाकर मीडिया कवरेज बटोर रहे हैं दूसरी ओर पूरी दुनिया में सनातन धर्म की जय जयकार हो रही है दरअसल G-20 समिट में हिंदुस्तान आने से पहले ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने बोला कि उन्हें अपनी जड़ों और हिंदुस्तान से संबंधों पर गर्व है और एक गौरवान्वित हिंदू होने के नाते, मेरा हिंदुस्तान और हिंदुस्तान के लोगों से हमेशा जुड़ाव रहेगा वहीं दूसरी ओर अमेरिका के लुइसविले (केंटुकी) के मेयर ने शहर में 3 सितंबर को सनातन धर्म दिवस घोषित किया है

सनातन धर्म दिवस की घोषणा पर गर्व

अमेरिकी शहर में सनातन धर्म दिवस मनाने का घोषणा करने पर न केवल अमेरिका बल्कि हिंदुस्तान के करोड़ों हिंदुओं को गर्व महसूस हो रहा है वहीं हिंदुस्तान में कुछ लोग अनादिकाल से चले आ रहे और विश्व कल्याण की भावना रखने वाले सनातन धर्म पर प्रश्न उठा रहे हैं लुइसविले में केंटुकी के हिंदू मंदिर में महाकुंभ अभिषेकम उत्सव के दौरान मेयर क्रेग ग्रीनबर्ग की ओर से डिप्टी मेयर बारबरा सेक्स्टन स्मिथ ने तीन सितंबर को सनातन दिवस मनाने की अधिकारिक घोषणा की है इस कार्यक्रम में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर,  ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष और आध्यात्मिक नेता चिदानंद सरस्वती और भगवती सरस्वती के अतिरिक्त वहां लेफ्टिनेंट गवर्नर जैकलीन कोलमैन, डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ कीशा डोर्सी समेत कई आध्यात्मिक नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया

दुनियाभर में हैं सनातन धर्म के मंदिर

सनातन धर्म की ध्वाजा पताका पूरी दुनिया में लहरा रही है हिंदुस्तान की धार्मिक एवं आध्यात्मिक संस्थाओं की शाखाएं पूरी दुनिया में फैली हैं जिनमें हरिद्वार स्थित शांतिकुंज परिसर से संचालित अखिल विश्व गायत्री परिवार और चिन्मय मिशन जैसे कई संस्थाओं के सेंटर अमेरिका और यूरोप के कोने-कोने में खुले हैं अब तो मुसलमान राष्ट्रों में भी सनातन हिंदू धर्म के मंदिर बन रहे हैं वहीं हिंदुस्तान में कुछ लोग सनातन पर प्रश्न उठा रहे हैं

कलानिधि स्टालिन और प्रियांक खरगे समेत कई नेताओं ने दिए विवादित बयान

आपको गौरतलब है कि तमिलनाडु के युवा कल्याण एवं खेल मंत्री उदयनिधि ने दो सितंबर को चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोविड-19 वायरस संक्रमण, डेंगू और मलेरिया से करते हुए इसे समाप्त किए जाने की वकालत की थी उदयनिधि के बयान का कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कांग्रेस पार्टी नेता प्रियांक खरगे ने भी समर्थन किया था इसी तरह कर्नाटक कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने भी सनातन पर विवादित बयान दिए हैं हिंदू धर्म को लेकर चल रही बयानबाजी के बीच कर्नाटक के गृह मंत्री एवं कांग्रेस पार्टी नेता जी परमेश्वर ने इसकी उत्पत्ति को लेकर ही प्रश्न उठा दिए थे

कांग्रेस नेताओं पर उठे सवाल

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पूरे राष्ट्र के भाजपा नेताओं ने सनातन की निंदा को लेकर कांग्रेस पार्टी आलाकमान से उत्तर मांगते हुए कांग्रेस पार्टी और डीएमके को कटघरे में खड़ा किया है नड्डा ने कहा, जब दुनिया में हिंदुस्तान की जय जयकार हो रही है तो घमंडिया गठबंधन राष्ट्र की संस्कृति और हमारे धर्म पर गहरा आघात कर रहा है इस बीच कई पूर्व न्यायाधीशों और ऑफिसरों समेत 250 से अधिक प्रबुद्ध नागरिकों ने राष्ट्र के सीजेआई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को लिखे पत्र में उदयनिधि के बयान को ‘घृणास्पद’ करार देते हुए उनसे इसका स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है

विवादित बयान पर कायम हैं कलानिधि स्टालिन

कलानिधि स्टालिन ने अपने बयान पर माफी नहीं मांगी बल्कि ये कहा, ‘राष्ट्रपति को नयी संसद में नहीं बुलाया क्योंकि वो आदिवासी हैं इसलिए मैंने सनातन को समाप्त करने की बात की थी’ उनका साथ कांग्रेस पार्टी के कई नेता दे रहे हैं इस बीच तमिलनाडु भाजपा ने स्टालिन को आईना दिखाते हुए कहा आदिवासी समुदाय से आने वाली द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति और राष्ट्र का प्रथम नागरिक बनाया गया और यही सनातन धर्म है DMK नेता एवं तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन के आरोपों का खंडन करते हुए भाजपा नेता अन्नामलाई ने प्रश्न किया कि राष्ट्रपति चुनाव में फिर DMK ने उनके लिए वोट क्यों नहीं किया था?

वहीं कई लोगों का बोलना है कि विवादित बयान को लेकर कलानिधि पूरे राष्ट्र में चर्चित हो गए हैं, जबकि इससे पहले उन्हें उत्तर हिंदुस्तान में कोई भी नहीं जानता था

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