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प्रगति मैदान में आयोजित भारत टेक्स 2024 में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को प्रगति मैदान में आयोजित भारत टेक्स 2024 में शामिल होने पहुंचे। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल सेक्टर में हमारे हुनर, इनोवेशन और टेक्नोलॉजी का इंतजार दुनिया का बाजार कर रहा है। भारत से 17,000 करोड़ का कार्पेट एक्सपोर्ट होता है, जिसमें से 60 प्रतिशत कार्पेट यूपी के भदोही, मीरजापुर और वाराणसी से भेजा जाता है।

मुख्यमंत्री योगी ने ‘भारत टेक्स 2024’ के यूपी पवेलियन में आए सभी बायर्स और विजिटर्स का अभिनंदन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इतने महत्वपूर्ण इवेंट में यूपी को पार्टनर स्टेट के रूप में भागीदार होने का अवसर दिया गया है।

सीएम ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में भारत मंडपम और यशोभूमि में इस इंटरनेशनल इवेंट के जरिए टेक्सटाइल के क्षेत्र में अतीत, भविष्य और वर्तमान की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्रदर्शनी आयोजित की गई है। यह प्रधानमंत्री मोदी की सराहनीय पहल है।

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि पिछले चार दिन से आयोजित इस प्रदर्शनी में देश और दुनिया से ढेर सारे लोगों ने सहभागिता की है। भारत में एग्रीकल्चर के बाद रोजगार, डेवलपमेंट और टेक्नोजॉजी के क्षेत्र में टेक्साटाइल का क्षेत्र अनंत संभावनाओं वाला है। ‘भारत टेक्स 2024’ में उत्तर प्रदेश के 20 एग्जीबिटर्स यशोभूमि में और 46 एग्जिबिटर्स भारत मंडपम में अपने हुनर की प्रदर्शनी के साथ शामिल हुए हैं। यहां हस्तशिल्प, कालीन और अन्य हथकरघा उत्पादों को कारीगरों ने देश-दुनिया के बायर्स के सामने प्रस्तुत किया है। सभी ने उत्तर प्रदेश के उत्पादों की विशेष सराहना की है।

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में टेक्सटाइल के क्षेत्र में अनंत संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश में सात स्थानों पर पीएम मित्रा पार्क योजना शुरू की गई है, इसके अंतर्गत यूपी के लखनऊ-हरदोई के बीच एक हजार एकड़ में मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित होने जा रहा है। इसके अलावा हम यूपी में चार नए फ्लैटेड फैक्ट्री को विकसित कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि लखनऊ की चिकनकारी, सीतापुर की दरी, बरेली की जरी जरदोजी और भदोही की कालीन को प्रमोट करने के लिए बीते सात साल में काफी कार्य हुआ है। ये सभी शिल्प रोजगार सृजन के बहुत महत्वपूर्ण माध्यम हैं। वैश्विक टेक्सटाइल इंडस्ट्री आज भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है।

 

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