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DRDO ने बनाया देश का सबसे हल्का बुलेट प्रूफ जैकेट

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी DRDO बीते लंबे समय से रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में हिंदुस्तान को विकास की राह पर ले जा रहा है. अब डीआरडीओ ने एक और कमाल किया है जिससे राष्ट्र के सैनिकों को काफी बड़ा लाभ होगा. डीआरडीओ की रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (डीएमएसआरडीई), कानपुर ने राष्ट्र की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट को सफलतापूर्वक विकसित कर लिया है. ये जैकेट सैनिकों को 7.62 x 54 R API (BIS 17051 के लेवल 6) गोला-बारूद से सुरक्षा प्रदान करेगी.

नए अप्रोच के साथ बना है जैकेट

डीआरडीओ की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, विकसित की गई देश की सबसे हल्की बुलेट प्रुफ जैकेट का हाल ही में TBRL चंडीगढ़ में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था. डीआरडीओ ने इस बुलेट प्रुफ जैकेट को नए डिजाइन और अप्रोच के मुताबिक डिजाइन किया है. वैज्ञानिकों द्वारा इस जैकेट को बनाने के लिए नयी प्रक्रियाओं के साथ ही नयी तरह की सामाग्रियों का भी इस्तेमाल किया गया है.

क्या हैं इस जैकेट की खूबियां?

डीआरडीओ द्वारा विकसित इस बुलेट प्रूफ जैकेट के फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (HAP) ने ICW (इन-कंजंक्शन विद) और स्टैंडअलोन डिजाइन दोनों में ही 7.62 x 54 R API (स्नाइपर राउंड) के 06 शॉट्स को बेकार किया है. जैकेट के फ्रंट को HAP को एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन किया गया है और ये पॉलिमर बैकिंग के साथ मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है. इसके कारण ऑपरेशन के दौरान इस जैकेट को पहनने की क्षमता और आराम दोनों ही बढ़ता है. जैकेट के ICW हार्ड आर्मर पैनल (HAP) और स्टैंडअलोन HAP के एरियल घनत्व को 40 kg/m2 and 43 kg/m2 से कम रखा गया है.

बालासोर में सफल मिसाइल परीक्षण

दूसरी ओर हिंदुस्तान ने मंगलवार को ओडिशा के बालासोर में सामरिक बल कमान के अनुसार मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के एक नए संस्करण का सफल परीक्षण किया है. रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इस परीक्षण ने नई प्रौद्योगिकियों के साथ मिसाइल के अभियान की क्षमता को साबित किया है. मीडिया के मुताबिक, यह मिसाइल ‘अग्नि’ श्रेणी की हथियार प्रणालियों से संबंधित नहीं है.

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