मछली बंदरगाह पर आग से मचा हाहाकार,आग की चपेट में आईं 40 बोट
Visakhapatnam Boat Fire Accident: आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम (Visakhapatnam) के पोर्ट पर नावों में भयंकर आग लग गई। एक नाव से प्रारम्भ हुई आग ने देखते ही देखते 40 नावों को खाक कर दिया। तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि मछली बंदरगाह पर आग से त्राहिमांम मचा हुआ है। आग की लपटें चारों तरफ फैल गई थीं। धूं-धूं कर बंदरगाह पर बोट जलती हुई नजर आ रही थीं। आग पर काबू पाने के लिए दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। तस्वीरों में दमकलकर्मियों को आग बुझाने की प्रयास करते हुए देखा गया। कड़ी मशक्क्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
विशाखापट्टनम पोर्ट पर कैसे लगी आग?
पुलिस मुकदमा दर्ज कर मुद्दे की जांच कर रही है। आग लगने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। घटना में किसी के हताहत होने या घायल होने की समाचार नहीं है। अभी पुलिस ने मुद्दा दर्ज कर लिया है, आगे की जांच जारी है।
आग की चपेट में आईं 40 बोट
बता दें कि विशाखापट्टनम में समंदर किनारे खड़ी 40 बोट्स में आग लग गई। आग ने कई नावों को अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आग कितनी भयानक थी। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। लेकिन फोटोज़ बता रही हैं कि इस आग से काफी हानि हुआ है।
3 घंटे की मशक्कत के बाद बुझी आग
स्थानीय लोगों को संदेह है कि इस आग के पीछे कुछ अज्ञात लोग हो सकते हैं। आग की भयावहता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इसे बुझाने में 3 घंटे लग गए। बीती रात लगी आग से भय है। अज्ञात लोगों पर षड्यंत्र का संदेह है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच प्रारम्भ की। आग बुझाने में 3 घंटे लग गए।
बोट में लगी आग पर कैसे पाया काबू?
अफसरों ने कहा कि आग ‘विशाखापत्तनम कंटेनर टर्मिनल’ और ‘इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन’ फैसिलिटी के पास एक क्षेत्र में लगी, जहां मछली पकड़ने वाली नावें खड़ी थीं। वहीं, फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी एस।रेनुकय्या ने कहा कि आग लगने की समाचार मिलने के बाद हमारी टीम मौके पर पहुंची। फायर ब्रिगेड की 12 गाड़ियां मौके पर पहुंची थीं। एनडीआरएफ और विशाखापत्तनम पोर्ट ट्रस्ट से भी सहायता ली गई। उन्होंने आगे बोला कि हादसे में किसी के हताहत होने की कोई समाचार नहीं है। फायर ब्रिगेड की टीम ने आधे घंटे में आग को आसपास की नावों में फैलने से रोका। करीब दो घंटे में आग पर काबू पा लिया गया।
आनंद रेड्डी ने आगे बोला कि रविवार और सोमवार की दरमियानी रात तेज हवा चल रही थी, जिससे फाइबर से बनी और आसपास खड़ी नावों में आग तेजी से फैल गई। इनमें से कई बोट 5,000 लीटर तक डीजल वाली भी हैं, क्योंकि मछुआरे कई सप्ताह तक समुद्र में रहते हैं। कई बोट एलपीजी सिलेंडरों से भी लदी होती हैं, जिनका इस्तेमाल मछुआरे खाना पकाने के लिए करते हैं।