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चीन के उत्तरी भाग के प्रमुख शहरों में कोहरा और धुंध छायी

भारत, चीन और पाक में कुछ समानताएं भी हैं समानता यह है कि तीनों ही राष्ट्रों के बड़े शहर वायु प्रदूषण की गंभीर परेशानी से जूझ रहे हैं हम आपको बता दें कि हिंदुस्तान में दिल्ली-एनसीआर और मुंबई, चीन में बीजिंग समेत पूरे उत्तरी क्षेत्र और पाक के लाहौर तथा आसपास के क्षेत्र में बने दमघोंटू वातावरण के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है राष्ट्र में वायु प्रदूषण के ताजा हालात की बात करें तो हिंदुस्तान की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता आज ‘गंभीर’ श्रेणी में है और मुंबई में एयर क्वालिटी इंडेक्स ‘मध्यम’ श्रेणी में है

वायु प्रदूषण चीनियों का दम घोंट रहा

चीन के हालात की बात करें तो बीजिंग और उसके आसपास के क्षेत्र में लाखों की जनसंख्या का दम घुंट रहा है चीन के उत्तरी भाग के प्रमुख शहरों में कोहरा और धुंध छायी है चीन के मौसम कार्यालय के अनुसार, राजधानी बीजिंग, मेगासिटी तियानजिन और हेबेई, शेडोंग और हुबेई प्रांतों के कुछ हिस्सों में कोहरा और धुंध की स्थिति बनी हुई है बीजिंग में प्रदूषण का स्तर इतना गहरा गया है कि क्षेत्रीय निवासी बिना मास्क लगाये नहीं निकल रहे हैं चीन ने वायु प्रदूषण को रोकने के लिए “प्रदूषण के विरुद्ध युद्ध” की घोषणा करते हुए दर्जनों कोयला संयंत्रों को बंद कर दिया और भारी उद्योगों को स्थानांतरित कर दिया इससे जरूरी सुधार हुए हैं, लेकिन हवा की गुणवत्ता अक्सर विश्व स्वास्थ्य संगठन मानकों से नीचे रहती है और चीन की राजधानी में गंभीर प्रदूषण आम बात है

पाकिस्तान भी वायु प्रदूषण से जूझ रहा

वहीं पाक की बात करें तो वहां पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर लगातार पूरे विश्व के सबसे प्रदूषित प्रमुख शहरों में से एक बनी हुई है पंजाब की कार्यवाहक गवर्नमेंट ने घातक वायु गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिए 12 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले पंजाब प्रांत में “स्मॉग आपातकाल” लागू किया था कार्यवाहक गवर्नमेंट ने बोला है कि पर्यावरण विभाग औद्योगिक इकाइयों पर सील लगाएगा, जिन्हें केवल न्यायालय के आदेश के जरिए फिर से खोला जाना संभव होगा कार्यवाहक गवर्नमेंट ने बोला है कि जिला प्रशासन पराली जलाने से रोकने के लिए कठोर कार्रवाई करेगा इसके अतिरिक्त ईंट भट्टों के साथ-साथ कारखानों की किसी भी चिमनी से निकलने वाले काले धुएं को लेकर कार्रवाई करेगा गवर्नमेंट के मुताबिक ईंट भट्टों को ‘जिगजैग’ तकनीक पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए गवर्नमेंट ने कहा, “धुआं छोड़ने वाले प्रत्येक गाड़ी को बरामद कर लिया जाएगा और मुनासिब फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद ही छोड़ा जाएगा” हम आपको बता दें कि लाहौर हाई कोर्ट के न्यायाधीश शाहिद करीम ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में विफलता के लिए लाहौर के आयुक्त को फटकार लगाई थी न्यायाधीश ने बोला था, ”स्मॉग मेरी पर्सनल परेशानी नहीं है, बल्कि यह हमारे बच्चों के जीवन के लिए चिंता का विषय है आप लाहौर शहर के संरक्षक हैं देखें कि आपने इसके साथ क्या किया है…आपको लाहौर की स्थिति पर लज्जा आनी चाहिए

दिल्ली-एनसीआर के हालात

दूसरी ओर, यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता शुक्रवार को सुबह ‘‘अत्यधिक गंभीर’’ श्रेणी में चली गयी, जिसके अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण फैला रहे ट्रकों, वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों और सभी प्रकार की निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध समेत अनेक आपात तरीका लागू करने की जरूरत होती है वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा तैयार किए गए नीति डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, ये कदम केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के आखिरी चरण के अनुसार उठाए जाते हैं और आदर्श रूप में राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के 450 के आंकड़े को पार करने से कम से कम तीन दिन पहले लागू किए जाने चाहिए हम आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण पर नियंत्रण के वास्ते रणनीतियां बनाने के लिए उत्तरदायी वैधानिक निकाय सीएक्यूएम ने बृहस्पतिवार को अनावश्यक निर्माण कार्य और प्रदूषण फैला रहे वाहनों की कुछ श्रेणियों पर प्रतिबंध का आदेश दिया लेकिन अभी दिल्ली और एनसीआर राज्यों से सभी आपात तरीकों को लागू करने के लिए नहीं बोला गया है

दिल्ली गवर्नमेंट ने स्वास्थ्य के लिए घातक प्रदूषण से बच्चों की सुरक्षा करने की कवायद के अनुसार सभी प्राइमरी विद्यालयों को दो दिन के लिए बंद करने की भी घोषणा की है दिल्ली में एक्यूआई बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे 351 से बढ़कर शुक्रवार को सुबह नौ बजे 471 पर पहुंच गया जो अत्यधिक प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि के कारण प्रदूषण स्तर में अचानक वृद्धि को दर्शाता है वायु गुणवत्ता का संकट सिर्फ़ दिल्ली तक सीमित नहीं है पड़ोसी हरियाणा, राजस्थान और यूपी के कई शहरों में भी वायु गुणवत्ता नुकसानदायक स्तर पर दर्ज की गयी है

इन शहरों में राजस्थान में हनुमानगढ़ (401), भिवाड़ी (379) और श्री गंगानगर (390), हरियाणा में हिसार (454), फतेहाबाद (410), जींद (456), रोहतक (427), बल्लभगढ़ (390), बहादुरगढ़ (377), सोनीपत (458), कुरुक्षेत्र (333), करनाल (345), कैथल (369), भिवानी (365), फरीदाबाद (448) और गुरुग्राम (366) तथा यूपी में गाजियाबाद (414), बागपत (425), मेरठ (375), नोएडा (436) और ग्रेटर नोएडा (478) शामिल हैं

दिल्ली-एनसीआर में लगातार चौथे दिन शुक्रवार को घनी और दमघोंटू धुंध छायी है और क्षेत्र में कई स्थानों पर पीएम2.5 (सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं) की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात से आठ गुना अधिक रही पुणे स्थित भारतीय ऊष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान द्वारा विकसित एक संख्यात्मक मॉडल-आधारित प्रणाली के अनुसार, वर्तमान में दिल्ली में पीएम2.5 प्रदूषण में 25 प्रतिशत हिस्सा पराली जलाने से उठने वाले धुएं का है और यह आंकड़ा शुक्रवार तक 35 प्रतिशत पर पहुंच सकता है

अस्पतालों में रोगियों की संख्या बढ़ी

इस बीच, दिल्ली के अस्पतालों में ऐसे रोगियों की संख्या बढ़ गई है जो खांसी, गले में संक्रमण, आंखों में जलन और नाक बहने आदि से परेशान हैं डॉक्टरों ने कहा कि प्रदूषण के कारण कई मरीजों में मौजूदा ‘ब्रोन्कियल अस्थमा’ की स्थिति भी खराब हो गई है उन्होंने बोला कि बढ़ते प्रदूषण का सभी उम्र के लोगों पर असर पड़ रहा है सरकारी एवं निजी दोनों अस्पतालों के चिकित्सा जानकारों ने लोगों को सुबह-सुबह व्यायाम करने या टहलने के लिए बाहर नहीं निकलने की चेतावनी दी और उन्हें बाहर निकलते समय मास्क पहनने के लिए बोला है

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