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पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा…

बैंगलोर: जनता दल (सेक्युलर) (JDS) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी को चेतावनी देते हुए बोला है कि यदि कर्नाटक गवर्नमेंट ने ‘रामनगर’ जिले का नाम बदलकर ‘बेंगलुरु दक्षिण’ करने के प्रस्ताव पर आगे बढ़ने का निर्णय किया, तो वह आमरण अनशन पर बैठेंगे. उन्होंने दावा किया कि जिले के साथ उनका भावनात्मक रिश्ता है. कुमारस्वामी ने कांग्रेस पार्टी नेता और उप सीएम डी के शिवकुमार की खुली बहस की चुनौती भी स्वीकार कर ली है, जो किसी भी टीवी समाचार चैनल में या उसके दौरान 2019 में रामानगर जिले और कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन गवर्नमेंट के पतन पर केंद्रित होगी.

बता दें कि, पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी बुधवार को रामानगर जिले का नाम बदलकर ‘बेंगलुरु साउथ’ करने के प्रस्ताव के संबंध में शिवकुमार द्वारा दिए गए बयानों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसके साथ उन्हें इर्द-गिर्द के छोटे शहरों पर ‘ब्रांड बेंगलुरु’ के असर की आशा है. उन्होंने बोला कि, “मैं इसे एक चुनौती के रूप में लूंगा, मेरा रामनगर से भावनात्मक रिश्ता है, जिले से मेरा कोई व्यावसायिक रिश्ता नहीं है. यदि रामनगर जिले का नाम बदला गया, तो मैं अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद अपनी जान जोखिम में डालकर मरते दम तक अनशन पर बैठने को तैयार हूं.

बैंगलोर में पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने बोला कि, “उस जिले को लेकर मेरा एक सपना है, तो उस सपने के लिए मेरे सामने भी एक चुनौती है, देखते हैं. अंतिम दम तक मैं उस जिले के गौरव की रक्षा के लिए लड़ूंगा.” उन्होंने रामनगर जिले के विकास के लिए अपने सहयोग को भी सूचीबद्ध किया, क्योंकि उन्होंने शिवकुमार के सहयोग पर प्रश्न उठाया था.

रामानगर का नामकरण विवाद:-
शिवकुमार के अनुसार, प्रस्तावित बेंगलुरु दक्षिण जिले में पांच तालुक शामिल होंगे – चन्नापटना, रामानगर, कनकपुरा, मगदी, हारोहल्ली – और जिला मुख्यालय रामानगर तालुक होगा. बता दें कि, कुमारस्वामी जद (एस)-भाजपा गठबंधन के मुख्यमंत्री थे, जब अगस्त 2007 में रामनगर जिला बनाया गया था, जिसमें -रामनगरा, चन्नापटना, मगदी और कनकपुरा तालुक शामिल थे. इसी नाम से जिले का मुख्यालय रामनगर, बेंगलुरु शहर से लगभग 48 किमी दूर है.

पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने आगे बोला कि, “उपमुख्यमंत्री ने मुझे यह कहते हुए चुनौती दी है कि वह उच्च TRP वाले किसी भी चैनल पर बहस के लिए तैयार हैं. मैं इसे स्वीकार करता हूं, मैं भागूंगा नहीं, क्योंकि मेरे पास जो सामग्री है, वह वैसी नहीं है, जो मुझे भागने पर विवश कर दे.” कुमारस्वामी द्वारा उनकी चुनौती स्वीकार करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, शिवकुमार ने बोला कि, “बहस को विधानसभा या किसी समाचार चैनल में करें.’ डिप्टी मुख्यमंत्री शिवकुमार ने बोला कि, “तीन दिन बाद, 1 नवंबर के बाद किसी भी समय, मैंने क्या किया है, उन्होंने क्या किया है, आइए खुलकर चर्चा करें, हवा में गोली न चलाएं. बहस को ठीक करें.

कुमारस्वामी ने कर्नाटक के सीएम पर पलटवार किया:-
कर्नाटक की मौजूदा वित्तीय स्थिति के लिए पिछली बीजेपी गवर्नमेंट को उत्तरदायी ठहराने वाले सीएम सिद्धारमैया के बयान और आनें वाले विधानसभा सत्र के दौरान वह एक श्वेत पत्र लाएंगे, इसका जिक्र करते हुए कुमारस्वामी ने बोला कि, “मैं इसका पूरी तरह से स्वागत करता हूं.” उन्होंने बोला कि सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट के पांच सालों के दौरान 2013-18 तक जो वित्तीय अनुशासन बनाए रखा गया और उस समय जिस तरह के निर्णय लिए गए, उसका असर बीजेपी शासन के पांच सालों पर पड़ा. इसलिए राज्य की वित्तीय स्थिति खराब होने के लिए बीजेपी गवर्नमेंट को गुनाह देना ठीक नहीं है.

सिद्धारमैया द्वारा उन्हें “राजनीतिक खलनायक” कहे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुमारस्वामी ने बोला कि, “हां, मैं सियासी रूप से उनके लिए खलनायक हूं. क्या मैं उनका दोस्त बन सकता हूं? बिना किसी समझौते के, क्योंकि मैं उनकी कई गलतियों को लोगों के सामने ला रहा हूं. मैं’ मैं उसके लिए खलनायक हूं.” सिद्धारमैया द्वारा उन पर बार-बार किए गए हमलों पर, उन पर एक लक्जरी होटल से मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का इल्जाम लगाया गया और जिसके कारण जद (एस)-कांग्रेस गठबंधन गवर्नमेंट गिर गई, जद (एस) नेता ने एक बड़ी पुस्तक दिखाते हुए बोला कि उनके पास इसका रिकॉर्ड है. 14 महीने के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री के रूप में उनकी रोजमर्रा की कार्यप्रणाली और उस पर चर्चा के लिए तैयार थे.

सिद्धारमैया और शिवकुमार पर गठबंधन गवर्नमेंट को बचाने में विफल रहने और कांग्रेस पार्टी और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने वाले नेताओं के प्रति कोई आभार नहीं रखने का इल्जाम लगाने के लिए उन पर पलटवार करते हुए, कुमारस्वामी ने बोला कि यह कांग्रेस पार्टी ही थी, जो उनसे मुख्यमंत्री बनने का निवेदन करने के लिए उनके दरवाजे पर आई थी, लेकिन बाद में उन पर कई शर्तें रखीं, जिससे उनके स्वतंत्र कामकाज में बाधाएं पैदा हुईं और उन्हें अपनी “कठपुतली” बना लिया. सीएम और डिप्टी मुख्यमंत्री की इस निंदा को स्वीकार करते हुए कि अपनी गवर्नमेंट के पतन के लिए बीजेपी को गुनेहगार ठहराने के बाद, कुमारस्वामी अब उसी बीजेपी से हाथ मिला रहे हैं, उन्होंने बोला कि, “भाजपा ने मेरी गवर्नमेंट को हटा दिया होगा, लेकिन इसके लिए बीज किसने बोए? आप (कांग्रेस) ने इस गवर्नमेंट को गिराने के लिए बीजेपी के लिए मंच तैयार किया.

गठबंधन गवर्नमेंट के पतन का कारण बनी विभिन्न घटनाओं का जिक्र करते हुए कुमारस्वामी ने बोला कि वह उन सभी पर चर्चा के लिए तैयार हैं. उन्होंने सिद्धारमैया और शिवकुमार से बोला कि, ‘लेकिन, पहले राज्य के लोगों और किसानों से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित करें.’ कनकपुरा के लोगों से अपनी जमीन न बेचने का आह्वान करने वाले अपने बयान को दोहराते हुए शिवकुमार पर निशाना साधते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने इल्जाम लगाया कि शिवकुमार की टीम ने बेंगलुरु के कनकपुरा में डेयरी की दूध पाउडर इकाई निर्माण के लिए दी गई जमीन के लिए किसानों को दिए गए मुआवजे को लूट लिया.

कुमारस्वामी ने बोला कि, “किसान को कितना मिला, आपको (शिवकुमार और कांग्रेस) और आपकी टीम – आपके एमएलसी, आपके सांसद – जिन्होंने जमीन के लिए जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (GPA) ली थी – को कितना मिला? आप प्रति एकड़ 56 लाख रुपये ले रहे हैं. आपने किसान को कितना दिया – वास्तविक मालिक कौन है ?” उन्होंने पूछा और दावा किया कि किसानों को सिर्फ़ 50,000 या एक लाख रुपये का भुगतान किया गया था, और खरीदी गई कुल जमीन लगभग 50 एकड़ थी.

यह देखते हुए कि उन्होंने कभी भी सरकारी ऑफिसरों के तबादलों या पोस्टिंग में कोई गलत काम या रिश्वतखोरी नहीं की है, कुमारस्वामी ने बोला कि वह मगदी कांग्रेस पार्टी विधायक बालकृष्ण की चुनौती स्वीकार करते हैं और उनसे इस गवर्नमेंट के सीएम, डिप्टी मुख्यमंत्री और मंत्रियों को भगवान के सामने शपथ लेने के लिए किसी धर्मस्थल या चामुंडी हिल्स में लाने के लिए कहा.  कुमारस्वामी ने आगे संकेत दिया कि रामानगर में शिवकुमार और उनके सहयोगियों के कथित भूमि या संपत्ति भलाई उन कारणों में से एक हैं, जिनके कारण जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने की योजना बनाई जा रही है.

यह इल्जाम लगाते हुए कि होसकेरेहल्ली के पास बेंगलुरु मुंबई औद्योगिक गलियारे (BMIC) के लिए अधिसूचित आठ एकड़ जमीन शिवकुमार के भाई और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद डीके सुरेश ने भूमि के “अवैध रूपांतरण” के बाद खरीदी है, कुमारस्वामी ने पूछा, “क्या यही कारण है कि नाम बदलने की योजना बनाई जा रही है” रामनगर जिला बेंगलुरु दक्षिण के रूप में?” उन्होंने बोला कि, जमीन अब एक प्रमुख डेवलपर को दे दी गई है, जहां एक अपार्टमेंट बिल्डिंग बन गई है.

उन्होंने मगाडी रोड पर तवरेकेरे के पास “900 एकड़ DLF संपत्ति के बारे में जानकारी” प्राप्त करने का दावा करते हुए बोला कि, “इसमें लगभग 300 एकड़ जमीन किसने ली है? दर प्राप्त करने के लिए इन सभी स्थानों को बेंगलुरु दक्षिण के भीतर लाना होगा, है ना?” जब उनसे पूछा गया कि 300 एकड़ से अधिक जमीन किसकी है, तो उन्होंने बोला कि, “उस आदमी से पूछें जिसने कनकपुरा के लोगों से वादा किया था कि उनकी संपत्ति की मूल्य वर्ग फुट माप में होगी (शिवकुमार) कि इसे किसने लिया है.

 

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