Insolvency Process: नई गाइडलाइन से लाखों घर खरीदारों ने ली राहत की सांस
IBBI New Guideline: यदि आप भी नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बिना रजिस्ट्री वाले फ्लैट में रह रहे हैं तो यह समाचार आपके काम की है। अब बिल्डर के दिवालिया होने के बाद भी फ्लैट पर आपका ही अधिकार रहेगा। इंसॉल्वेंसी बैंक करप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI) की नयी गाइडलाइन से लाखों घर खरीदारों ने राहत की सांस ली है। यह लगातार दूसरा मौका है जब नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लाखों घर खरीदारों के लिए राहत की समाचार आई है। इससे पहले अमिताभ कांत समिति की रिपोर्ट में बिल्डर प्रोजेक्ट को पूरा करने और प्राधिकरण के बकाया के कारण रुकी हुई रजिस्ट्री को प्रारम्भ करने के लिए राहत दी गई थी।
घर खरीदारों ने राहत की सांस ली
आईबीबीआई (IBBI) की नयी गाइडलाइन के बाद ऐसे घर खरीदारों ने राहत की सांस ली है, जिनके बिल्डर का प्रोजेक्ट दिवालिया प्रक्रिया में चला गया है। एक आंकड़े के मुताबिक ऐसे करीब 50 से 60 बिल्डर हैं, जिनका प्रोजेक्ट दिवालिया प्रक्रिया में चल रहा है। इन बिल्डर के बायर्स के लिए यह समाचार शाँति देने वाली है। हालांकि ऐसे बॉयर्स को वास्तविक खुशी तब ही मिलेगा जब उन्हें फ्लैट का पजेशन मिल जाए और रजिस्ट्री हो जाए। लेकिन अब यह रास्ता साफ हो गया है कि आपका फ्लैट जिस प्रोजेक्ट में है, वो दिवालिया हो गया तो भी आप बिना रजिस्ट्री के कानूनी रूप से उसमें रहने के हकदार हैं। आईबीबीआई की तरफ से जारी गाइडलाइंस में इस प्रावधान को साफ किया गया है।
50 बिल्डर प्रोजेक्ट का भविष्य अधर में
नोएडा-ग्रेटर नोएडा के करीब 50 बिल्डर प्रोजेक्ट का भविष्य को लेकर निर्णय नहीं हुआ है। इन प्रोजेक्ट में इंसॉल्वेंसी रिजॉल्युशन प्रफेशनल (IRP) की नियुक्ति कर दी गई है। कुछ प्रोजेक्ट तो पिछले कई वर्ष से दिवालिया प्रक्रिया में हैं लेकिन अभी तक उनका कोई सॉल्यूशन नहीं निकल पाया। ऐसे में इन प्रोजेक्ट में फंसे बायर्स को डर था कि बिल्डर को दिवालिया घोषित कर दिया जाता है उनके निवेश का क्या होगा? लेकिन अब आईबीबीआई (IBBI) की नयी गाइडलाइन से ऐसे खरीदारों का डर दूर हो गया है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के ‘पंचशील ग्रीन-1’ में रहने वाले अभिषेक श्रीवास्तव का इस एडवाइजरी के बाद बोलना है कि इससे हम जैसे हजारों ऐसे बायर्स को मानसिक रूप से राहत मिलेगी, जिनके फ्लैट की बिल्डर की तरफ से रजिस्ट्री नहीं की गई है।
क्या थी अमिताभ कांत समिति की सिफारिश
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू करने पर निर्णय किया है। इस समिति की सिफारिशें एनसीआर के लाखों घर खरीदारों के लिए संजीवनी बनकर आई है। इससे दो लाख से भी ज्यादा फ्लैट की रजिस्ट्री और वर्षों से रुके हुए प्रोजेक्ट को पूरा करने का रास्ता साफ हुआ है। इस समिति की सिफारिशों के मुताबिक बिल्डर के बकाये की फिर से गणना की जा रही है। समिति की सिफारिशों के मुताबिक कोविड-19 काल में 24 महीने के जीरो पीरियड का लाभ सभी बिल्डरों को मिलेगा। इससे बिल्डर पर अथॉरिटी की बकाया राशि में कमी आई है।