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Kampur : भारत में सबसे लंबे नदी पुल का निर्माण राजनीतिक अभियानों का बना केंद्र

कामपुर न्यूज़ डेस्क .. असम के धुबरी में मतदाता 7 मई को होने वाले चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, हिंदुस्तान में सबसे लंबे नदी पुल का निर्माण सियासी अभियानों का केंद्र बन गया है. यह पुल, जो ब्रह्मपुत्र नदी पर बनेगा, असम में धुबरी को मेघालय में फुलवारी से जोड़ने के लिए तैयार है, जिससे यात्रा का समय कम हो जाएगा और दोनों राज्यों के बीच व्यापार और संचार सरल हो जाएगा.

20 किलोमीटर लंबा पुल, जिसके 2027 तक पूरा होने की आशा है, ऑल इण्डिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), असम गण परिषद (एजीपी) और कांग्रेस पार्टी पार्टी के बीच त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में एक जरूरी मामला बन गया है. पुल की आधारशिला 2021 में रखी गई थी, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम का संचालन किया था.

छात्रों, व्यापारियों और रोजमर्रा के यात्रियों सहित निवासियों ने वर्तमान नाव परिवहन प्रणाली से उत्पन्न चुनौतियों का हवाला देते हुए पुल के लिए उत्साह व्यक्त किया है. वर्तमान में, नाव से ब्रह्मपुत्र पार यात्रा करने में तीन से चार घंटे लग सकते हैं, जिसमें मानसून के मौसम में जरूरी व्यवधान होते हैं. नए पुल से धुबरी और फुलवारी के बीच यात्रा की दूरी लगभग 200 किलोमीटर कम होने, व्यापार और अन्य जरूरी गतिविधियों को सुव्यवस्थित करने की आशा है.

एक निवासी ने कहा, “अगर पुल बन जाता है, तो लाभ यह होगा कि हम बहुत कम समय में मेघालय पहुंच सकते हैं. इससे व्यवसायों के लिए चीजें सरल हो जाएंगी क्योंकि नावों पर माल परिवहन करना बहुत चुनौतीपूर्ण है. पुल के साथ, यह बहुत होगा सरल है. नाव से तीन घंटे लगते हैं, इसलिए यह पुल बहुत समय बचाएगा.

एक विद्यार्थी ने भी अपनी समीक्षा साझा करते हुए कहा, “एक बार पुल पूरा हो जाने के बाद, यह हमें कई तरह से सहायता करेगा, जैसे समन्वय में क्योंकि नाव से यात्रा करने में लंबा समय लगता है, लगभग 3 घंटे. साथ ही, यह एक विशाल नदी है जो घातक भी है, इस पुल से धुबरी और मेघालय दोनों राज्यों को लाभ होगा.

पुल का महत्व तीन प्रतिस्पर्धी दलों के चुनावी अभियानों में एक केंद्रीय विषय बन गया है. प्रत्येक पार्टी परियोजना को प्रारम्भ करने या उसका समर्थन करने के श्रेय का दावा करती है, इसकी उत्पत्ति पर भिन्न-भिन्न आख्यान हैं. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सहयोगी पार्टी एजीपी के जावेद इस्लाम ने मौजूदा केंद्र गवर्नमेंट की किरदार पर बल देते हुए कहा, ”एनडीए गवर्नमेंट ने इस पुल का काम प्रारम्भ किया था. 2021 में पीएम मोदी ने इसकी नींव रखी थी” पुल, और निर्माण तेजी से प्रगति पर है, यह असम के लोगों के लिए एक जरूरी उपहार होगा.

एआईयूडीएफ अध्यक्ष और धुबरी से तीन बार सांसद रहे बदरुद्दीन अजमल ने बोला कि यह पुल उनके प्रयासों का नतीजा है, उन्होंने दावा किया, “मैंने इस मामले को कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट के दौरान और फिर बीजेपी गवर्नमेंट के दौरान संसद में उठाया था, ताकि लोगों को यह सुनिश्चित किया जा सके असम को यह उपहार मिला.

कांग्रेस पार्टी ने भी श्रेय सुरक्षित करने के लिए अपनी प्रचार रैलियों में पुल का उल्लेख करते हुए अपने सहयोग पर प्रकाश डाला है. सियासी बहस के बावजूद, क्षेत्रीय लोगों के बीच आम सहमति है कि पुल जरूरी है और इससे उनके जीवन की गुणवत्ता में गौरतलब सुधार होगा.

जबकि चुनाव के दिन निकट आने के साथ-साथ प्रतिस्पर्धात्मक कहानियां सामने आती रहती हैं, धुबरी फुलवारी पुल असम और मेघालय के लोगों के लिए आशा की किरण बना हुआ है, जो क्षेत्र में प्रगति और कनेक्टिविटी का प्रतीक है.

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