Lok Sabha Elections 2024: CAA निरस्त करने के बयान को लेकर अमित शाह ने चिदंबरम पर साधा निशाना
उन्होंने एक बयान में कहा, “तुष्टीकरण की राजनीति में अंधी हो चुकी कांग्रेस पार्टी पहले चरण में अपनी करारी हार देखकर बौखला गई है. यह अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए हिंदू, बौद्ध, जैन, ईसाई, सिख और पारसी समुदायों को हानि पहुंचाने पर तुली हुई है.” उन्होंने बल देकर बोला कि पीएम नरेन्द्र मोदी की गारंटी है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से हिंदुस्तान आए उत्पीड़ित अल्पसंख्यक समुदायों के सभी लोगों को सीएए के माध्यम से नागरिकता मिलेगी, और इसे कोई नहीं रोक सकता. उन्होंने इल्जाम लगाया कि कांग्रेस पार्टी को हिंदुओं, बौद्धों, जैनियों, ईसाइयों, सिखों और पारसियों को नागरिकता मिलने से परेशानी है.
उन्होंने बोला कि विपक्षी दल उन्हें कानून के माध्यम से तीन वर्ष में इन्साफ मिलने से परेशान है. बीजेपी नेता ने बोला कि इस लोकसभा चुनाव में मतदाता कांग्रेस पार्टी को 2019 और 2014 के चुनावों से भी बड़ा सबक सिखाएंगे. उन्होंने कहा, “कानून बदलने के लिए किसी को गवर्नमेंट में रहना होगा और कांग्रेस पार्टी के लिए मुख्य विपक्षी दल बनना भी संभव नहीं है.” किसी भी पार्टी को मुख्य विपक्षी दल बनने के लिए 543 लोकसभा सीट में से कम से कम 10 फीसदी सीट जीतने की आवश्यकता होती है. कांग्रेस पार्टी पिछले दो चुनावों में 10 फीसदी सीट हासिल नहीं कर पाई है.
शाह ने दावा किया कि हिंदुस्तान ने स्वयं को कांग्रेस पार्टी के चंगुल से मुक्त कर लिया है, जिसने इसकी मौलिक संस्कृति और विचारों का दमन किया था. शाह ने औपनिवेशिक युग के कानूनों के जगह पर नए आपराधिक कानून लाए जाने का जिक्र करते हुए कहा, “मोदी जी ने ब्रिटिश काल के आपराधिक कानूनों को बदल दिया है, जिससे हिंदुस्तान को दुनिया की सबसे आधुनिक इन्साफ प्रणाली प्रदान की गई है, जबकि कांग्रेस पार्टी इसे बदलने की बात करती है.”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने रविवार को बोला था कि यदि केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन की गवर्नमेंट बनती है तो सीएए को संसद के पहले सत्र में रद्द कर दिया जाएगा. चिदंबरम ने बोला कि कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में भले ही सीएए का उल्लेख न हो, लेकिन पार्टी का इरादा इसे रद्द करने का है.