Mukhtar Ansari: 60 साल 8 महीने और 28 दिन की जिंदगी में मुख्तार ने क्या किया, यहां जानें सबकुछ
Mukhtar Ansari family criminal records: माफियाओं का माफिया, पूर्वांचल का डॉन और उत्तर प्रदेश का बाहुबली गैंगस्टर मुख्तार अंसारी आखिरकार मिट्टी में मिल गया। मुख्तार जब मूछों पर ताव देते हुए रौब से चलता तो शराफत और इज्जत से जीवन गुजर-बसर करने वाले लोग घरों में दुबक जाते थे। लंबा चौड़ा कद, दमदार आवाज उत्तर प्रदेश के इस बाहुबली नेता को भला कौन नहीं जानता? एक समय ऐसा भी था जब मुख्तार अंसारी का नाम सुनकर बड़े बड़े लोग थरथर कांपा करते थे। भय ऐसी कि यदि मुख्तार के नाम से कोई टेलीफोन भी कर दे तो आदमी की नींद उड़ जाती थी।
जब वो अपने लाव लश्कर के साथ होता तो पुलिस दिखना तो छोड़िए हुजूर दूर-दूर तक परिंदा भी पर नहीं मारता था। आतंक ऐसा कि पुलिस भी उस पर हाथ डालने से पहले 10 बार सोचती थी। मुख्तार के माफिया डॉन बनने कहानी किसी फिल्म की पटकथा जैसी है। करीब 60 साल, 8 महीने और 28 दिन की जीवन में उसने 40 वर्ष तक लोगों के दिलों में अपना खौफ बनाए रखा। भय और कानून को ताक पर रखने वाला मुख्तार अंसारी यूपी में आतंक का दूसरा नाम था। कहावत है कि क्रिमिनल कितना भी बड़ा क्यों न हो उसका सूरज एक दिन डूबता जरूर है। मुख्तार अंसारी के साथ भी ऐसा ही हुआ।
Mukhtar Ansari Crime Kundali: मुख्तार अंसारी की अपराध कुंडली
गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की मृत्यु से उत्तर प्रदेश में माफियाराज के एक युग का अंत हो गया। 63 से अधिक अपराधिक मुकदमें उसके नाम पर दर्ज थे। कई मामलों में उसे सजा सुनाई जा चुकी थी जबकि कई मुकदमा पेंडिंग थे। जिन घरों के चिराग कभी इस माफिया की वजह से बुझे थे यानी मुख्तार की मृत्यु से उसके सताये लोगों ने जरूर राहत की सांस ली होगी।
परिवार पर भी कई मुकदमे
मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी के विरुद्ध आठ मुकदमे दर्ज हैं। इस समय अब्बास कारावास में है। अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत बानो के विरुद्ध एक केस दर्ज है। निकहत जमानत पर चल रही है। मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी के विरुद्ध 13 मुकदमे दर्ज हैं। मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा कथित तौर पर अपने पति के साथ कई अपराधों में शामिल थीं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अंसारी की पत्नी अफशा पर 75000 रुपये का पुरस्कार घोषित किया था। अफशा अंसारी फरार हैं।
मुख्तार अंसारी का छोटा बेटा उमर अंसारी 24 वर्ष का है उस पर 6 मुकदमे दर्ज हैं। उसके विरुद्ध कोर्ट ने नफरत फैलाने वाले भाषण मुद्दे में गैर-जमानती वारंट जारी किया था। मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह के विरुद्ध चार मुकदमे हैं। अभी वो कारावास से बाहर हैं। मुख्तार अंसारी का भाई अफजाल अंसारी सांसद है। अफजाल अंसारी को भी एक मुद्दे में सजा हुई अभी और वो भी जमानत पर बाहर है।
साल था 1988 जब मुख्तार ने जरायम यानी क्राइम की दुनिया में एंट्री मारी। मंडी परिषद की ठेकेदारी को लेकर लोकल ठेकेदार सच्चिदानंद राय की मर्डर के मुद्दे में मुख्तार का नाम सामने आया। इसी दौरान बनारस में त्रिभुवन सिंह के कॉन्स्टेबल भाई राजेंद्र सिंह की हत्याकर दी गई। इसमें भी मुख्तार का ही नाम सामने आया।
1990 में गाजीपुर जिले के अनेक सरकारी ठेकों पर ब्रजेश सिंह गैंग ने कब्ज़ा करना प्रारम्भ कर दिया। अपने काम को बनाए रखने के लिए उसका सामना मुख्तार अंसारी के रैकेट से हुआ और यहीं से ब्रजेश सिंह के साथ मुख्तार की दुश्मनी प्रारम्भ हो गई।
नाम बड़ा हुआ तो पुलिस भी एक्शन में आई और 1991 में चंदौली से मुख्तार को अरैस्ट कर लिया गया। लेकिन इल्जाम है कि रास्ते में दो पुलिस वालों को गोली मारकर वो फरार हो गया। इसी दौरान अवधेश राय हत्याकांड पेश आया। जब वाराणसी में कांग्रेस पार्टी नेता अजय राय के बड़े भाई अवधेश को 5 लोगों ने गोलियों से भून डाला। आरोप लगा मुख्तार अंसारी पर।
साल 1996 में जब गाजीपुर के एडिशनल एसपी रहे शंकर जायसवाल और उनकी टीम पर दिनदहाड़े धावा किया गया। इस मुद्दे में भी मुख्तार का नाम सुर्खियों में आया।
1996 में मुख्तार पहली बार विधायक बना और तभी उसने ब्रजेश सिंह की सत्ता को हिलाना प्रारम्भ कर दिया।
1997 में पूर्वांचल के सबसे बड़े कोयला व्यवसायी रुंगटा के किडनैपिंग के बाद मुख्तार का नाम अपराध की दुनिया में छा गया।
2002 में जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हुआ तो कृष्णानंद राय ने मुख्तार के भाई अफजल अंसारी को हरा दिया और इसी दौरान ब्रजेश सिंह ने मुख्तार अंसारी के काफिले पर धावा कराया। जिसमें मुख्तार के तीन लोग मारे गए और ब्रजेश सिंह घायल हो गया और यही वो समय था जब मुख्तार अंसारी पूर्वांचल का सबसे बड़ा माफिया डॉन बनकर उभरा।
2005 में जब मऊ जिले में अत्याचार भड़की और इल्जाम लगा मुख्तार पर। जिसके बाद उसने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। इसी दौरान विधायक कृष्णानंद राय की मर्डर करवा दी गई। इस इल्जाम भी मुख्तार पर लगा।
कहानी अभी समाप्त नहीं हुई थी वर्ष 2009 में मुख्तार पर ठेकेदार मन्ना सिंह और उसके साथी राजेश राय की मर्डर का इल्जाम लगा।
इतना ही नहीं 2010 में मन्ना की मर्डर के एकमात्र गवाह राम सिंह मौर्य की भी मर्डर कर दी गई। इसका आरोप भी मुख्तार गैंग पर ही लगा।
Mukhtar Ansari Political Profile: मुख्तार अंसारी का राजनीतिक सफर
कानून के शिकंजे से बचने के लिए वो राजनीति में उतरा, बसपा (BSP), सपा (SP) और कांग्रेस पार्टी (Congress) सबसे उसकी नजदीकी रही। ये उसके राजनीतिक रसूख का ही कमाल था पंजाब की कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट के दौरान वो रोपड़ कारावास की सेल में किसी कोठी जैसी सुविधाओं में रहता था। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने एक दो बार नहीं बल्कि दर्जनों बार बोला था कि पंजाब की कारावास में मुख्तार अंसारी की खूब सेवा होती थी। यहां तक कि उसकी पत्नी भी कारावास के पीछे ही बनी एक कोठी में रहा करती थी और अब मुख्तार अंसारी के गुनाहों के काले अध्याय का अंत हो चुका है।
मुख्तार के रसूख को समझा जा सकता है कि उसके लिए उत्तर प्रदेश और पंजाब की सरकारें उच्चतम न्यायालय में भिड़ गई थीं। दोनों सरकारों को उच्चतम न्यायालय में शपथ पत्र देना पड़ा था। पंजाब गवर्नमेंट मुख्तार को अपने यहां की कारावास में रखा चाहती थी जबकि योगी गवर्नमेंट उसे उत्तर प्रदेश लाकर अपराधों में ट्रायल कराकर सज़ा दिलाना चाहती थी और उच्चतम न्यायालय में जीत हुई योगी गवर्नमेंट की। 6 अप्रैल 2021 को मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश लाया गया और यहीं से उसके अंत की आरंभ हुई। न्यायालय में ट्रायल प्रारम्भ हुआ और सजा भी सुनाई गई
कोर्ट ने 21 सितंबर 2022 को गैंगस्टर एक्ट में 7 वर्ष सख्त जेल की सजा और 37 हजार का जुर्माना लगाया। ठीक दो दिन बाद 23 सितंबर 2022 को गैंगस्टर एक्ट के अनुसार 5 वर्ष सख्त जेल और 50 हजार जुर्माना लगाया गया।
15 दिसंबर 2022
कोर्ट ने 10 वर्ष के जेल की सज़ा सुनाई और 5 लाख जुर्माना लगाया।
29 अप्रैल 2023
गैंगस्टर एक्ट के अनुसार 10 वर्ष सश्रम जेल की सजा।
5 जून 2023
आजीवन जेल और 1 लाख जुर्माना।
26 अक्टूबर 2023
10 वर्ष सख्त जेल और 5 लाख जुर्माना।
15 दिसंबर 2023
रूंगटा मुकदमा में 5 वर्ष 6 महीने की कारावास और 10 हजार जुर्माना।
13 मार्च 2024
अवैध रूप से शस्त्र लाइसेंस लेने के मुद्दे में जीवन भर जेल के साथ 2 लाख 2 हजार जुर्माना।
सियासी फैमिली से नाता
30 जून 1963 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रसूखदार राजनीतिक परिवार में जन्मे इस बाहुबली के बाबा मुख्तार अहमद अंसारी खांटी कांग्रेसी तो उसके पिता सुब्हानउल्लाह अंसारी बड़े कामरेड यानी कम्युनिस्ट नेता थे। मुख्तार अहमद अंसारी आगे कांग्रेस पार्टी पार्टी को छोड़ने के बाद मुस्लिम लीग की राजनीति करने लगे। मुख्तार के नाना सेना में ब्रिगेडियर थे। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी संबंध में मुख्तार अंसारी के चाचा लगते थे।