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Mumbai Attack: UPA सरकार पर जमकर भड़के डॉ जयशंकर, कही ये बात

India Pakistan News in Hindi: मुंबई अटैक के बाद पाक के विरुद्ध कार्रवाई न करने पर विदेश मंत्री चिकित्सक एस जयशंकर ने तत्कालीन मनमोहन गवर्नमेंट पर धावा कहा है विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में बोला कि पाक से आए 10 आतंकवादियों ने हिंदुस्तान की आर्थिक राजधानी मुंबई में धावा कर 165 लोगों को मार डाला थी इस भयंकर आतंकवादी हमले के पीछे पाक का हाथ होने के साफ सबूत भी गवर्नमेंट के हाथ लगे थे इसके बावजूद तत्कालीन यूपीए गवर्नमेंट ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं दै गवर्नमेंट ने यह कहते हुए कुछ नहीं करने का निर्णय किया था कि पाक पर धावा न करने की तुलना में उस पर धावा करना हिंदुस्तान को अधिक महंगा पड़ेगा

‘बैठे, बहस की और फिर कुछ न करने का फैसला’

डॉक्टर एस जयशंकर ने तत्कालीन मनमहोन गवर्नमेंट पर निशाना साधते हुए कहा, ‘उन्होंने रक्षात्मक रवैया अपनाते हुए आतंकवाद को एक कड़वी सच्चाई के रूप में स्वीकार कर लिया था मुंबई हमले के बाद, पिछली यूपीए गवर्नमेंट के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने लिखा कि ‘हम बैठे, हमने बहस की हमने सभी विकल्पों पर विचार किया इसके बाद हमने कुछ नहीं करने का निर्णय किया

‘पाकिस्तान पर धावा करने का निर्णय होता महंगा’

विदेश मंत्री डाक्टर जयशंकर आगे कहते हैं, ‘तत्कालीन NSA अपनी गवर्नमेंट के इस निर्णय की वजह बताते हैं वे लिखते हैं कि हमने मुंबई अटैक के बाद  कुछ नहीं करने का निर्णय किया इसका औचित्य यह था कि हमें लगा कि पाक पर धावा करने की मूल्य पाक पर धावा न करने की मूल्य से अधिक है किसी स्वाभिमानी और मजबूत राष्ट्र के लिए यह रवैया कितना ठीक है, इस पर निर्णय करने का अधिकार मैं आप पर छोड़ता हूं

‘भारत ग्लोबल साउथ के राष्ट्रों की आवाज’

भारत को ‘ग्लोबल साउथ’ (जिसमें लगभग 125 राष्ट्र शामिल हैं) की आवाज बताते हुए उन्होंने बोला कि ग्लोबल साउथ के राष्ट्र दुनिया में अपने मुद्दों और पदों को लेकर हिंदुस्तान पर भरोसा करते हैं हिंदुस्तान का उन कुछ राष्ट्रों के प्रति नैतिक दायित्व है, जो औपनिवेशिक शासन के अधीन थे और जितनी शीघ्र हो सके उबर नहीं सके, पुनर्निर्माण नहीं कर सके, जैसा कि हिंदुस्तान ने किया

डॉक्टर जयशंकर ‘विदेश नीति भारतीय मार्ग: अविश्वास से विश्वास तक’ विषय पर आयोजित एक सभा को संबोधित कर रहे थे उन्होंने कहा, ‘हम ग्लोबल साउथ की आवाज हैं, जो दुनिया के लगभग 125 राष्ट्रों में से एक है ये राष्ट्र अपने मुद्दे, दुनिया में अपनी स्थिति को लेकर हिंदुस्तान पर भरोसा करते हैं

‘सीमा के खतरों से निपटने के लिए हिंदुस्तान सजग’

सरहद पर पाकिस्तान- चीन के खतरों की ओर इशारा करते हुए चिकित्सक जयशंकर ने कहा, ‘भारत के सामने सीमाओं पर कुछ चुनौतियां हैं उनका बचाव करने की कुंजी सिर्फ़ सार्वजनिक रूप से पेश आना नहीं है, बल्कि सरहदी क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना, अपनी सेना की सारी जरूरतें पूरी करना और एक ऐसी प्रणाली का निर्माण करना है, जो सीमा पर खतरा होने पर तुरंत तेजी के साथ प्रतिक्रिया दे सके

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