प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज नई दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत ट्रेन को दिखाएंगे हरी झंडी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) आज यानी सोमवार को वाराणसी (Varanasi) और नई दिल्ली (New Delhi) के बीच जिस दूसरी वंदे हिंदुस्तान ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे, वह भगवा रंग की है और इसमें कई नई विशेषताएं हैं। उत्तर रेलवे ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। रेल मंत्रालय में एक सूत्र ने कहा, ‘‘यह भगवा रंग की दूसरी वंदे हिंदुस्तान ट्रेन है जिसका संचालन रेल मंत्रालय राष्ट्र में प्रारम्भ करने जा रहा है।” उत्तर रेलवे ने प्रेस में जारी किए अपने बयान के साथ ही भगवा रंग की ट्रेन की एक तस्वीर भी साझा की है।
उत्तर रेलवे ने कहा, ‘‘ट्रेन में यात्रा करते समय सूचना और मनोरंजन प्रदान करने वाला वाई-फाई, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, आरामदायक व्यवस्था, बायो-वैक्यूम शौचालय, रोशनी की एलईडी व्यवस्था, हर सीट के नीचे चार्जिंग सुविधा और हर सीट पर पुस्तक पढ़ने के लिए रोशनी जैसी बेहतर यात्री सुविधाएं हैं।” बयान में बोला गया है कि ट्रेन में हवा की रोगाणु मुक्त आपूर्ति के लिए यूवी लैम्प के साथ बेहतर एयर कंडीशनिंग प्रणाली है।
इसमें जलवायु परिस्थितियों/यात्रियों की संख्या के मुताबिक एयर कंडीशनिंग को कम या अधिक करने की भी प्रबंध है। सोमवार को दोपहर दो बजकर 15 मिनट पर इसे वाराणसी से नई दिल्ली के लिए रवाना किया जाएगा। बहरहाल, सामान्यत: यह ट्रेन सिर्फ़ मंगलवार को छोड़कर हर हफ्ते में छह दिन सुबह छह बजे वाराणसी से नई दिल्ली के लिए रवाना होगी।
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ट्रेन दोपहर दो बजकर पांच मिनट पर नई दिल्ली पहुंचेगी और 55 मिनट बाद दोपहर तीन बजे वाराणसी के लिए रवाना होगी। वह रात 11 बजकर पांच मिनट पर अपने गंतव्य पर पहुंचेगी। अभी नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली पहली वंदे हिंदुस्तान ट्रेन सुबह छह बजे दिल्ली से रवाना होती है और दोपहर दो बजे वाराणसी पहुंचती है।
यह दोपहर तीन बजे नई दिल्ली के लिए रवाना होती है और रात 11 बजे गंतव्य पर पहुंचती है। यह मंगलवार को छोड़कर हफ्ते में छह दिन चलती है। रेलवे ने केरल में कासरगोड और तिरुवंनतपुरम के बीच 24 सितंबर को पहली भगवा-ग्रे रंग की वंदे हिंदुस्तान ट्रेन की आरंभ की थी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल में पत्रकारों के साथ वार्ता में इस बात से इनकार कर दिया था कि वंदे हिंदुस्तान ट्रेन का रंग नारंगी या भगवा होने के पीछे कोई राजनीति है।
उन्होंने बोला था कि रंगों का चुनाव पूरी तरह से वैज्ञानिक सोच के आधार पर होता है। उन्होंने बोला था, ‘‘मनुष्य की आंखों को दो रंग सबसे अधिक दिखाई देते हैं – पीला और नारंगी। यूरोप में लगभग 80 प्रतिशत ट्रेनों का रंग नारंगी या पीले और नारंगी के संयोजन वाला है।