रेल इंजन देंगे शहीदों को सलामी, देश के कोने-कोने तक पहुंचेगी वीरगाथा
कैप्टन विक्रम बत्रा (Captain Vikram Batra), मेजर संदीप उन्नीकृष्णन (Major Sandeep Unnikrishnan), मेजर सोमनाथ शर्मा (Major Somnath Sharma), बिग्रेडियर मोहम्मद उस्मान… ये वो नाम हैं जिन्होंने अपने प्राणों की आहूति देकर आजाद हिंदुस्तान केखिलाफ छिड़ी जंग में शत्रु राष्ट्रों और आतंकियों के मंसूबों को असफल किया. रेलवे ने इन शहीदों (Martyred Soldiers) को सलामी देने के लिए रेल इंजनों (Railway Engines) को इनके नाम देना प्रारम्भ किया है.
इन दिनों सोशलमीडिया पर ऐसी फोटोज़ वायरल हो रही हैं जिनमें रेल इंजनों पर शहीदों के नाम लिखे हुए हैं. बोला जा रहा है कि राष्ट्र के अन्य भागों में भी ऐसे इंजन दिखने प्रारम्भ हो जायेंगे.
देश के कोने-कोने तक पहुंचेगी वीरगाथा
जानकारों की माने तो यह कोशिश इसलिए है ताकि इंडियन आर्मी के शहीद और वीर सपूतों की गाथा राष्ट्र के कोने-कोने तक पहुंचे. आमतौर परमवीर चक्र या अशोक चक्र प्राप्त वीर शहीदों या सैनिकों को सेना दिवस, शौर्य दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या उनकी जयंती पर ही याद किया जाता है.
समें भी अधिक से अधिक याद सिर्फ़ सोशल मीडिया पर देखने को मिलती है. वैसे रेल इंजन राष्ट्र के हर भाग में पहुंचते हैं. इसलिए हजारों रेल इंजनों पर शहीदों और वीर सपूतों के नाम के साथ उनकी वीरगाथा भी राष्ट्र के हर हिस्से में पहुंचाई जा सकती है.
तो जरूर अपनायेंगे : सीनियर डीसीएम मित्तल
मध्य रेल नागपुर मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अमन मित्तल ने बोला कि निश्चित तौर यह एक बेहतरीन कोशिश है. वैसे तो इंजनों के रखरखाव आदि का काम लोको शेड में होता है. पहले हम पता करेंगे कि इंजनों पर शहीदों का नाम किस रेल मंडल में अंकित किया जा रहा है. यदि यह देशव्यापी योजना है तो हम भी इसे जरूर अपनायेंगे.