Rajasthan Politics : दो धुर विरोधी प्रह्लाद गुंजल और शांति धारीवाल एक साथ आए नजर
Rajasthan Politics: कोटा से राजनीति में एक दशक के दो धुर विरोधियों की नई-नई दोस्ती की तस्वीर सामने आई है।जहां कोटा उत्तर विधानसभा सीट पर कभी आमने सामने रहने वाले दो धुर विरोधी प्रह्लाद गुंजल और शांति धारीवाल एक साथ नजर आए।
असल जीवन की हकीकत उससे कहीं जुदा
दरअसल,भाजपा के पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल हाल ही में बीजेपी का दामन छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी पार्टी ने प्रह्लाद गुंजल को कोटा बूंदी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है,वहीं शांति धारीवाल जो वर्तमान में कोटा उत्तर से कांग्रेस पार्टी विधायक है हाड़ौती की राजनीति में बड़ा नाम रखते हैं से मिलने कल देर शाम जब प्रह्लाद गुंजल विधायक शांति धारीवाल के नयापुरा स्तिथ आवास पर मिलने पहुंचे तो उनकी मुलाकात की तस्वीरों ने बता दिया की राजनीति में जो दिखाई देता है,असल जीवन की हकीकत उससे कहीं अलग है।
कांग्रेस से शांति धारीवाल चुनावी मैदान में थे
सबसे पहली बार प्रह्लाद गुंजल और शांति धारीवाल का आमना सामना साल 2013 में इस समय हुआ जब बीजेपी ने कोटा उत्तर से प्रह्लाद गुंजल को प्रत्याशी बनाया और कांग्रेस पार्टी से शांति धारीवाल चुनावी मैदान में थे।
ये वो समय था जब शांति धारीवाल की कोटा कांग्रेस पार्टी में तूती बोलती थी लेकिन प्रह्लाद गुंजल ने 2013 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के शांति धारीवाल को करारी शिकस्त दी थी।
गुंजल को राजनीति के मैदान में औंधे मुंह पटका था
वहीं साल 2018 के विधानसभा चुनावों में भी दोनो एक दूसरे के सामने चुनावी मैदान में थे,लेकिन इस बार नतीजा कुछ अलग था,इस बार शांति धारीवाल ने गुंजल को राजनीति के मैदान में औंधे मुंह पटक लिया था।
प्रह्लाद गुंजल और शांति धारीवाल आमने सामने थे
इतना ही नहीं इस बार साल 2023 के विधानसभा चुनाव में भी प्रह्लाद गुंजल और शांति धारीवाल आमने सामने थे,और इस बार भी बीजेपी से प्रह्लाद गुंजल को धारीवाल के सामने हार का मुंह देखना पड़ा था।बस यहीं से दोनों में एक दूसरे के प्रति सियासी द्वेषता पर्सनल शत्रुता में परिवर्तित हो गई। दोनों एक दूसरे के धुर विरोधी हो गए,,चुनाव रेट चुनाव एक दूसरे के प्रति बयानबाजी का स्तर गिरता चला गया और दोनो एक दूसरे पर करप्शन के इल्जाम लगाने लगे।
प्रह्लाद गुंजल ने कई बार प्रेस कांफ्रेंस कर तत्कालीन UDH मंत्री शांति धारीवाल पर करप्शन के गंभीर इल्जाम लगाए,तो धारीवाल ने पलटवार में प्रह्लाद गुंजल को सार्वजनिक रूप से गुंडा तत्व कहकर संबोधित किया।
ट्रांसफर पोस्टिंग तक में दोनों की शत्रुता झलकने लगी
राजनीतिक प्रतिद्वंदता ने एक दूसरे को पर्सनल शत्रु बनाकर रख दिया।जिसके हाथ में जब जब सत्ता रही तब तब एक दूसरे के कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करते रहे,,यहां तक की ऑफिसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग तक में दोनों की शत्रुता झलकने लगी।
भाजपा को तिलांजलि दे दी और कांग्रेस पार्टी ने शामिल हो गए
लेकिन जब साल 2023 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद प्रह्लाद गुंजल ने भीलवाड़ा,टोंक -सवाई माधोपुर कहीं से लोकसभा टिकट मांगा तो पार्टी ने उन्हें टिकिट नही दिया,तो दूसरी तरफ राजस्थान की सत्ता से हाल ही में बाहर हुई। कांग्रेस पार्टी कोटा बूंदी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारने के लिए प्रत्याशी की तलाश में थी,ऐसे में बीजेपी से असंतुष्ट चल रहे फायर ब्रांड नेता प्रह्लाद गुंजल की तरफ कांग्रेस पार्टी ने हाथ बढ़ा दिया।प्रह्लाद गुंजल ने अपने विद्यार्थी परिषद काल की राजनीति को विराम दे दिया और बीजेपी को तिलांजलि दे दी और कांग्रेस पार्टी ने शामिल हो गए।
लेकिन बीजेपी में 40 वर्ष का सियासी जीवन जी चुके प्रह्लाद गुंजल का कांग्रेस पार्टी के हाथ से हाथ तो मिला लेकिन दिल से तबियत मिली या नही ये तो आने वाला समय ही बताएगा।