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शिवपाल यादव : बीजेपी ने कोविड टीके में भी कमीशन लिया और…

कोविड-रोधी टीके ‘कोविशील्ड’ से हानि की पुष्टि पर उठे टकराव के बीच सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने मंगलवार को इल्जाम लगाया कि भाजपा ने कोविड टीके में भी कमीशन लिया और घटिया और महंगी दवाएं जनता को दी गईं. शिवपाल यादव ने कहा, ‘‘उन्होंने (बीजेपी) वैक्सीन में भी कमीशन लिया है. पूरी पोल खुल चुकी है कि कम गुणवत्ता वाले टीके और दवाएं लोगों को दी गईं. यह अब सब लोगों को पता चल गया है.’’

टीके के बारे में पूछे जाने पर मैनपुरी से एसपी उम्मीदवार डिंपल यादव ने कहा, ‘‘अखिलेश जी (एसपी अध्यक्ष) ने पहले ही बोला था कि हम यह टीका नहीं लगवाएंगे क्योंकि तब तक इसका और परीक्षण नहीं हुआ था. लेकिन, इस समय शहर और गांव में दिल का दौरा पड़ने के मुद्दे बढ़ गए हैं, लोग अचानक से गंभीर रोंगों से पीड़ित हो रहे हैं.’’ डिंपल ने इल्जाम लगाया कि कोविशील्ड बनाने वालों से 200-300 करोड़ रुपये का चंदा लिया गया और उनको टीके लगाने की अनुमति दे दी गई और जबरदस्ती लोगों को टीका लगाया गया.

उन्होंने आगे कहा, ‘‘आज बड़ा करप्शन खुलासा हुआ है और इसकी वजह से बहुतों की जान चली गई.’’ यहां बता दें कि एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोविड-19 महामारी के दौरान बोला था कि वह ‘‘बीजेपी की वैक्सीन’’ नहीं लगवाएंगे और जब उनकी गवर्नमेंट आएगी तो सभी को निःशुल्क में टीका लगाया जाएगा. अखिलेश के इस बयान पर काफी बवाल हुआ था और भाजपा नेताओं ने इस बयान को लेकर यादव पर धावा भी कहा था.

गौरतलब है कि ब्रिटेन स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि इसका कोविड टीका कोविशील्ड रक्त के थक्के जमाने संबंधी दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकता है, लेकिन इनके बीच कोई संबंध होने की जानकारी नहीं है. ब्रिटेन के एक अखबार ने अदालती डॉक्यूमेंट्स के हवाले से यह दावा किया है. ‘द डेली टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट के अनुसार, 51 वादियों द्वारा एक सामूहिक कार्रवाई के निवेदन पर फरवरी में लंदन स्थित हाई कोर्ट में एक कानूनी डॉक्यूमेंट्स सौंपा गया था.

एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया था कि Covid-19 से बचाव के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा ईजाद किया गया टीका ‘‘बहुत दुर्लभ मामलों में’’ रक्त के थक्के जमा सकता है और प्लेटलेट की संख्या को घटा सकता है. एस्ट्राजेनेका वैक्सजेव्रिया टीके का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया (एसआईआई) ने भी किया था और इस टीके को हिंदुस्तान में ‘कोविशील्ड’ नाम से जाना जाता है.

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