राष्ट्रीय

सिद्धारमैया ने आरएसएस पर साधा निशाना

कर्नाटक के मैसूर में कांग्रेस पार्टी कार्यालय में आयोजित एससी-एसटी कार्यकर्ताओं और नेताओं की बैठक में सीएम सिद्धारमैया शामिल हुए. इस बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने बोला कि  वह बीजेपी में कभी भी शामिल नहीं होंगे, इसके लिए भले ही पार्टी की तरफ से उन्हें राष्ट्रपति या पीएम पद की पेशकश क्यों न की जाए. इसी के साथ सिद्धारमैया ने लोकसभा उम्मीदवार एम. लक्षमण के लिए वोट की अपील की.

 

 

सीएम सिद्धारमैया ने बोला कि सियासी शक्ति तभी आती है, जब हमारे पास वैचारिक स्पष्टता हो. लोगों को भाजपा-आरएसएस के झांसे में नहीं आना चाहिए. शूद्र-दलित और स्त्रियों के लिए आरएसएस में समान अवसर नहीं है.

सिद्धारमैया ने कहा, “देवगौड़ा, जिन्होंने बोला था किअगर नरेंद्र मोदी पीएम बनेंगे तो वह राष्ट्र छोड़ देंगे, लेकिन आज वही कह रहे हैं कि उनका प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अटूट रिश्ता है.” उन्होंने आगे बोला कि बीजेपी और आरएसएस सामाजिक इन्साफ के विरुद्ध हैं. वे आरक्षण को पसंद नहीं करते हैं. आरक्षण कोई भीख नहीं है, यह उत्पीड़ित समुदायों का अधिकार है.

 

 

 

“जब तक समाज में जाति प्रबंध उपस्थित है, तब तक आरक्षण रहना चाहिए. आजादी और ब्रिटिश काल से पहले क्या शूद्रों को शिक्षा का अधिकार था? स्त्रियों के पास कोई अधिकार थे? अपने पति की मौत के बाद महिलाएं स्वयं को जिंदा जला लेती थी. मनुस्मृति से प्रभावित ऐसी कुप्रथाओं को हमारे संविधान में प्रतिबंधित किया गया था. लेकिन अब वे मनुस्मृति को वापस लाना चाहते हैं.मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने लोगों से इस बात को समझने की अपील की है.

 

आरएसएस में महिलाओं-दलितों को शामिल होने का अधिकार नहीं: सिद्धारमैया

 

सिद्धारमैया ने कहा कि आरएसएस में शूद्र-दलित और स्त्रियों को समान अवसर नहीं दिया जाता है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता नानजे गौड़ा और गुलिहट्टी शेखर ने स्वयं कहा कि उन्हें आरएसएस में विशेष तबज्जो नहीं दी जाती है. यहां सिर्फ़ शूद्रों का इस्तेमाल किया जाता है. महिलाओं, शूद्रों और दलतों को आरएसएस में शामिल होने का अधिकार नहीं है.

सिद्धारमैया ने पूछा, “क्या हमें जेडीएस की निंदा नहीं करनी चाहिए, जिन्होंने आरएसएस के साथ हाथ मिला लिया? कांग्रेस पार्टी ने दलितों की जनसंख्या के मुताबिक बजट में धन आवंटित करने का कानून पारित किया था. हमारी गवर्नमेंट ने कानून बनाया कि विकास नीति का 24.1 फीसदी अलग रखा जाए. यह कानून बीजेपी द्वारा पारित ही नहीं किया गया. यह सिर्फ़ हमारी कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने किया. उन्होंने समुदायों को इन तथ्यों को जानने की अपील की.

 

कांग्रेस नेता ने बोला कि वह हमारी गवर्नमेंट थी जिन्होंने कॉन्ट्रैक्ट में दलितों के लिए आरक्षण पास किया था. क्या यह वही बीजेपी नहीं है जिन्होंने मंडल कमीशन और दलितों के लिए आरक्षण का विरोध किया था. एससीपी/टीएसपी एक्ट भी कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने ही पारित किया था. इसी के साथ सिद्धारमैया ने कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार एम. लक्ष्मण को जीताने की अपील भी की.

बता दें कि इस बैठक में सिद्धारमैया के अतिरिक्त समाज कल्याण मंत्री एचसी महादेवप्पा, केपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष तनवीर सेठ, लोकसभा उम्मीदवार लक्ष्मण और केपीसीसी के एससी/एसटी विंग के नेता भी मंच पर उपस्थित थे.

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