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सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली याचिका की खारिज

सुप्रीम न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उत्पाद शुल्क नीति मुद्दे में गिरफ्तारी के कारण अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के सीएम पद से हटाने की मांग की गई थी. शीर्ष न्यायालय ने बोला कि यह औचित्य का मुद्दा है, लेकिन अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें सीएम पद से हटाने की मांग करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने यह भी बोला कि यह दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर निर्भर है कि यदि वह चाहें तो कार्रवाई करें लेकिन “हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे”. पीठ ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाले याचिकाकर्ता कांत भाटी दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता नहीं थे.

लाइव लॉ ने न्यायमूर्ति खन्ना को याचिकाकर्ता से यह कहते हुए उद्धृत किया “कानूनी अधिकार क्या है? हमें इस सब में क्यों जाना चाहिए? औचित्य पर आपके पास कहने के लिए निश्चित रूप से कुछ हो सकता है लेकिन कोई कानूनी अधिकार नहीं है. यदि उपराज्यपाल चाहते हैं तो उन्हें कार्रवाई करने दें…हम इच्छुक नहीं हैं.

पीठ ने आदेश सुनाते हुए कहा, “हम दिए गए निर्णय में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं. विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है.

10 अप्रैल को, दिल्ली हाई कोर्ट ने ₹50,000 का जुर्माना लगाते हुए इस जनहित याचिका को खारिज कर दिया था, यह मानते हुए कि इसका उद्देश्य प्रचार प्राप्त करना था. यह नोट किया गया कि याचिकाकर्ता ने समान प्रार्थनाओं को अस्वीकार करने वाले न्यायालय द्वारा पारित तीन आदेशों से अवगत होने के बावजूद याचिका को आगे बढ़ाया.

सुप्रीम न्यायालय का यह निर्णय उसके कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें पिछले सप्ताह शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव 2024 में प्रचार के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दी गई थी, क्योंकि उनकी गिरफ्तारी की वैधता से संबंधित मुद्दा अभी भी विचाराधीन था.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने अरविंद केजरीवाल को 2 जून को सेरेण्डर करने का आदेश दिया है और उनकी जमानत की शर्त के रूप में उन्हें सीएम कार्यालय और दिल्ली सचिवालय जाने से रोक दिया है.

अदालत ने कहा, “अंतरिम जमानत देने की शक्ति का प्रयोग आमतौर पर कई मामलों में किया जाता है. प्रत्येक मुद्दे के तथ्यों के आधार पर अंतरिम जमानत दी जाती है. यह मुद्दा अपवाद नहीं है.

यह आदेश आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव अभियान को बड़ा बढ़ावा देने वाला है, जो कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन में पंजाब की सभी सीटों और दिल्ली की चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है.

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति भ्रष्टाचार मुद्दे में 21 मार्च को अरैस्ट किया गया था. उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अपनी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती दी है.

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