राष्ट्रीय

रंग पंचमी पर यहाँ निकलती है नागा साधुओं की बारात

मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में रंगपंचमी की परंपरा है होली के पांचवे दिन यानि पंचमी पर रंग खेला जाता है इंदौर और भोपाल में गेर निकाली जाती है लेकिन छत्तीसगढ़ में अलग परंपरा है यहां नागा साधुओं बारात निकाली जाती है ये बारात अद्भुत आस्था की प्रतीक है

जांजगीर जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर हसदेव नदी के किनारे पीथपुर गांव है यहां शिव जी बाबा कलेश्वर नाथ के रूप में विराजे हैं यहां रंग पंचमी के दिन बाबा कलेश्वर नाथ की चांदी की पालकी में बारात निकलती है इसमें बाराती के रूप में शामिल होने पूरे राष्ट्र से नागा साधु और बाबा बैरागी आते हैं

छत्तीसगढ़ का उज्जैन
जांजगीर चांपा जिला छत्तीसगढ़ के उज्जैन के नाम से विख्यात है होली के पांचवें दिन रंग पंचमी पर यहां के पीथमपुर गांव में बाबा कलेश्वर नाथ की बारात चांदी की पालकी में धूमधाम से निकाली जाती है परंपरा अनुसार, इस अवसर पर राष्ट्र के भिन्न-भिन्न अखाड़ों के नागा साधु बारात में शामिल होते हैं और अखाड़ों का प्रदर्शन करते हैं इसे देखने हजारों लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं मान्यता है पीथमपुर के बाबा कलेश्वर नाथ के दर्शन मात्र से निसंतानों को संतान की प्राप्ति होती है पेट संबंधी पुराने से पुराने बीमारी से भी निजात मिलती है

क्लेश हरने वाले कालेश्वर नाथ
बारात में शामिल होने वाले नागा साधु ने कहा पीथमपुर में स्थित बाबा कलेश्वर नाथ पर लोगों की अगाध आस्था है लोग बाबा कालेश्वर नाथ को क्लेश हरने वाला मानते हैं यही वजह है कि रंग पंचमी के दिन बाबा कलेश्वर नाथ की बारात में शामिल होने दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं पीथमपुर में शिव बारात निकालने की 200 वर्ष पुरानी परंपरा चली आ रही है चांदी से बनी विशाल पालकी में बाबा कलेश्वर नाथ को नगर भ्रमण कराया जाता है यह बारात बाबा कलेश्वर नाथ मंदिर प्रांगण से प्रारम्भ होकर पूरे नगर में घूमती है उसके बाद हसदेव नदी के तट पर प्रतिमा को स्नान करा कर महाआरती की जाती है उसके बाद पालकी मंदिर लौट आती है

अलग अलग आस्था
पंडित कहते हैं लोगों की आस्था है रंग पंचमी पर कलेश्वर बाबा के दर्शन करने से कई फायदा होते हैं इसमें सबसे बड़ा फायदा निसंतान स्त्रियों को संतान की प्राप्ति होती है यदि किसी को पेट संबंधी पुरानी परेशानी है, तो वह भी दूर हो जाती है यही कारण है कि लोग यहां बड़ी संख्या में शामिल होते हैं

पंचमी से मेला
इस बारात में राष्ट्र भर से भिन्न-भिन्न अखाड़ों के नागा साधु आते हैं ये अपने अखाड़ों का शौर्य प्रदर्शन करते हैं पीथमपुर में बाबा कलेश्वर नाथ की बारात के बाद रंग पंचमी के दिन से 15 दिन के मेले की आरंभ होती है इसमें जिले के साथ प्रदेश भर से लोग पहुंचते हैं

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button