वीरशैव-लिंगायत, एससी/एसटी और अल्पसंख्यक समुदायों से होनी चाहिए एक-एक डिप्टी सीए :राजन्ना
बेंगलुरु। कर्नाटक गवर्नमेंट (Karnataka Government) के सहकारिता मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस पार्टी नेता केएन राजन्ना ने बोला है कि राज्य में तीन और उप मुख्यमंत्री होने चाहिए। उनके इस सुझाव ने सियासी हलकों में हलचल पैदा कर दी है। वर्तमान में, डीके शिवकुमार, जो वोक्कालिगा समुदाय से हैं, राज्य में एकमात्र डिप्टी मुख्यमंत्री हैं। चार महीने पुरानी कैबिनेट के मंत्री राजन्ना को सीएम सिद्धारमैया का करीबी सहयोगी माना जाता है। राजन्ना ने बोला कि वीरशैव-लिंगायत, एससी/एसटी और अल्पसंख्यक समुदायों से एक-एक डिप्टी सीए होना चाहिए। इस कदम से कांग्रेस पार्टी को सहायता मिलेगी।
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक गवर्नमेंट के मंत्री केएन राजन्ना ने बोला कि मेरा इरादा है कि कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में अधिक से अधिक सीटें जीतें। इसलिए सभी प्रमुख समुदायों को एक पद ( डिप्टी मुख्यमंत्री का) दिया जाना चाहिए। उन्होंने लिंगायत समुदाय का उदाहरण भी दिया, जिसने हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी का समर्थन करने से पहले कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। केएन राजन्ना ने बोला है कि हमें पद की पेशकश करके उन्हें बरकरार रखने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने बोला कि मैंने कुछ दिनों में कांग्रेस पार्टी आलाकमान को पत्र लिखने का निर्णय किया है। मैं अक्टूबर के पहले हफ्ते में दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात करूंगा और उन्हें इस पर मनाने की प्रयास करूंगा।”
डिप्टी मुख्यमंत्री शिवकुमार क्यों होंगे नाराज? राजन्ना बोले- किसी के विरुद्ध नहीं बोला
यह पूछे जाने पर कि क्या उनके बयान से डिप्टी मुख्यमंत्री शिवकुमार नाराज होंगे, राजन्ना ने कहा, “ऐसा क्यों होगा? मैंने किसी के विरुद्ध नहीं कहा है। शिवकुमार एक डीसीएम हैं और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष हैं। वह पार्टी को कुशलता से संगठित कर रहे हैं, क्योंकि वह एक अच्छे संगठनकर्ता हैं। मुझे नहीं लगता कि उसे परेशान होने की आवश्यकता है।
सीएम पर साधा था निशाना, अब उसका मिला है जवाब
हालाँकि, कांग्रेस पार्टी के भीतर एक वर्ग का मानना है कि राजन्ना ने यह बयान हाल ही में शिवकुमार खेमे के एमएलसी बीके हरिप्रसाद द्वारा सीएम पर किए गए मौखिक हमले के उत्तर में दिया था। हरिप्रसाद ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए बोला था कि दलित जी परमेश्वर (अब गृह मंत्री) और एसटी समुदाय से सतीश जारकीहोली (सार्वजनिक निर्माण मंत्री) को डीसीएम बनाया जाना चाहिए था।
शिवकुमार को काबू में रखने की कोशिश!
कुछ लोगों का यह भी दावा है कि यह बयान गवर्नमेंट और पार्टी दोनों में शिवकुमार के असर का मुकाबला करने के लिए सिद्धारमैया के खेमे की योजना का हिस्सा हो सकता है। यह भी बोला जा रहा है कि चर्चाओं के बीच उन्हें नियंत्रण में रखने की प्रयास है। दरअसल ऐसी आसार है कि शिवकुमार इस गवर्नमेंट के कार्यकाल के 2.5 वर्ष बाद मुख्यमंत्री पद की मांग कर सकते हैं।
केंद्रीय संचालन के समक्ष अपनी राय रख सकता है
राजन्ना के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, आईटी/बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने बोला कि कोई भी कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष अपनी राय रख सकता है… लेकिन मुझे नहीं लगता कि उनके समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव (तीन और डीसीएम के लिए) है। हालांकि इस संबंध में जब शिवकुमार से प्रतिक्रिया चाही गई तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उनके भाई और कांग्रेस पार्टी सांसद डीके सुरेश ने बोला कि आपको ऐसा करना चाहिए; राजन्ना से इसके बारे में पूछें। वही गवर्नमेंट चला रहे हैं।