भारत के इतिहास की ये हैं सबसे शक्तिशाली महिलाएं, जिन्होंने अपने युग में दिया अद्वितीय योगदान
अंतर्राष्ट्रीय स्त्री दिवस: हिंदुस्तान के इतिहास में कई ताकतवर और प्रेरणादायक महिलाएं देखी गई हैं जिन्होंने अपने युग में अद्वितीय सहयोग दिया है। कुछ राजा महाराजाओं के काल में पैदा हुए और ब्रिटिश शासन के विरुद्ध संघर्ष किया, जबकि कुछ स्वतंत्र हिंदुस्तान की नींव बनकर उभरे। यहां कुछ स्त्रियों का जिक्र किया गया है जिन्होंने भारतीय इतिहास में जरूरी किरदार निभाई है।
रानी पद्मिनी (पद्मावती): राजपूताना की रानी पद्मिनी, जिन्होंने अपनी सुंदरता और साहस से पहचान बनाई। उनकी बहादुरी और समर्थन ने उन्हें एक ऐतिहासिक शख्सियत बना दिया है। वह चित्तौड़ के राजा रतन सिंह की रानी थीं। ऐसा बोला जाता है कि रानी पद्मिनी ने 1303 में चित्तौड़ में खिलजी के हमले के दौरान अपना सम्मान बचाने के लिए जौहर किया था। मलिक मोहम्मद जायसी ने 1540 में पद्मावत लिखी थी।
रानी लक्ष्मी बाई: झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी बहादुरी से पहचान हासिल की। उनकी बहादुरी सदैव भारतीय इतिहास के पन्नों पर अंकित रहेगी। वाराणसी में जन्मी मणिकर्णिका, जिन्हें प्यार से मनु बोला जाता है, का शादी गंगाधर राव से हुआ था। वह 1857 की क्रांति की महानतम वीरांगना थीं। वे ग्वालियर में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हो गये।
इंदिरा गांधी: भारतीय राजनीति की पहली स्त्री प्रधान मंत्री और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के बाद सबसे महान नेताओं में से एक। भारतीय राजनीति के इतिहास में उनका सहयोग अद्वितीय था। नेहरू परिवार की बेटी इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल के दौरान कई बड़े निर्णय लिए जो इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गए।
सरोजिनी नायडू: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक प्रमुख नेता और एक जरूरी स्त्री जिन्होंने भारतीय समाज में स्त्रियों की शिक्षा और सामाजिक सुधार का समर्थन किया। सरोजिनी नायडू राष्ट्र की पहली स्त्री गवर्नर थीं। वह अपनी मौत तक इस पद पर रहे। 2 मार्च 1949 को 70 साल की उम्र में लखनऊ में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई।
कल्पना चावला: कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को करनाल, पूर्वी पंजाब, हिंदुस्तान में हुआ था। वह भारतीय मूल के अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और इंजीनियर थे। वह अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली स्त्री थीं। 1997 में उन्होंने मिशन जानकार और प्राथमिक रोबोटिक आर्म ऑपरेटर के रूप में पहली बार अंतरिक्ष शटल कोलंबिया उड़ाया। 1 फरवरी 2003 को उनकी मौत हो गई, जब अंतरिक्ष शटल कोलंबिया पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करते समय विघटित हो गया। विमान में सवार सभी सात अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई।
इन स्त्रियों ने अपने समय में अद्वितीय सहयोग दिया और उनकी प्रेरक कहानियाँ हमें साहस, उत्कृष्टता और सरेंडर की दिशा में मार्गदर्शन करती रहती हैं।