राष्ट्रीय

जल जीवन को लेकर मोदी सरकार का ये बड़ा ऐलान

सबसे पहले एक आंकड़ा- वर्ष 2014 में 2.19 करोड़ ग्रामीण घरों में पानी के कनेक्शन थे जबकि इस वर्ष 2023 में 13.47 करोड़ ग्रामीण घरों में पानी के कनेक्शन पहुंच गए हैं हर घर को नल मिले और हर नल में जल हो, इसके लिए मोदी गवर्नमेंट गंभीर रूप से प्रयत्नशील है आज प्रत्येक दिन पानी के करीब नए 90000 कनेक्शन लग रहे हैं हर 25 सेकंड में एक नए घर में नल लग रहा है

 

तीन राज्यों के चुनाव जीतने के बाद बीजेपी मुख्यालय पर हुए एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बोला भी कि ‘लोगो में यह विश्वास जगा है कि भाजपा की गवर्नमेंट में उन्हें एक नयी बुलंदी मिलने वाली हैउन्होंने देखा है कि बीते 10 वर्षों ने भाजपा ने उन तक टॉयलेट, बिजली, गैस, नल से जल और बैंक में खाते ऐसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के लिए कितनी ईमानदारी से काम किया है

अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में बोलते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने जल संरक्षण और अमृत सरोवर की बात की पीएम मोदी ने बोला कि ‘जल का संरक्षण जीवन को बचाने से कम नहीं और इसीलिए आज हर जिले में अमृत सरोवर बन रहे हैं, लोगों में जागरूकता बढ़ी है, जरूरत है कि अमृत सरोवर की लगातार देखभाल हो

हालांकि हिंदुस्तान के पास दुनिया का सबसे बड़ा जल संसाधन (सिंचित क्षेत्र) है, लेकिन कृषि और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी से परिवर्तन के कारण पानी की मांग लगातार तेजी से बढ़ भी रही है जिस हिसाब से जलवायु बदलाव हो रहा है, बारिश की कुल मात्रा और बारिश के दिनों की संख्या कम होती जा रही है, इसीलिए जहाँ भी संभव हो, जैसे भी संभव हो बारिश के पानी को संग्रहित करने के लिए अधिक से अधिक कोशिश किए जाने चाहिए

साल 2019 में 15 अगस्त को सभा नागरिकों तक पानी की प्रबंध घर-घर मौजूद कराने के लिए पीएम मोदी द्वारा जल जीवन मिशन का शुरुआत किया गया मोदी गवर्नमेंट द्वारा जल जीवन मिशन’ की आरंभ इस उद्देश्य के साथ की गयी थी कि प्रत्येक भारतवासी को स्वच्छ जल मौजूद हो इस मिशन के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को घरों में ही पीने के पानी के लिए जल कनेक्शन लगाए जा रहे हैं इस योजना का लक्ष्य 55 लीटर प्रति आदमी रोजाना की रेट से पीने योग्य जल मौजूद करवाना है केंद्र गवर्नमेंट द्वारा इस योजना के कार्यान्वयन के लिए 360 लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है इस योजना के भीतर 100% कार्यान्वयन का खर्च केंद्र शासित प्रदेशों के लिए केंद्र गवर्नमेंट द्वारा किया जाएगा बाकी सभी राज्यों के लिए केंद्र एवं राज्य गवर्नमेंट की भागीदारी जना के कार्यान्वयन में 50-50 फीसदी की होगी

हर घर नल योजना के जरिये गवर्नमेंट द्वारा साल 2024 तक इस योजना के माध्यम से प्रत्येक घर तक पीने के पानी का कनेक्शन मौजूद करवाया जाएगा इस वर्ष योजना के अनुसार प्रति दिन औसतन 89,097 नल लगाए गए हैं जो ‘प्रति सेकंड एक नल’ से अधिक हैलक्ष्य ये है कि राष्ट्र के किसी भी नागरिक को पीने के पानी के लिए कहीं भी दूर जाने की जरूरत ना पड़े | आम आदमी को अपने घर में ही पीने का साफ पानी मौजूद हो जाए | इससे नागरिकों के स्वास्थ्य में भी सुधार आएगा साथ ही समय की भी बचत होगी

राज्य सरकारें भी पीएम मोदी के इस लक्ष्य से भली भाँती परिचित हैं और इसीलिए उनके भी कोशिश इस ओर जारी हैं बीते सितम्बर उत्तर प्रदेश के ग्रामीण परिवारों को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर मिला नल से स्वच्छ पेयजल का अनूठा उपहार मिला जब योगी गवर्नमेंट नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने उत्तर प्रदेश के एक लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल से जल का तोहफा दिया उत्तर प्रदेश ने यह लक्ष्य 1 दिन में पूरा करके इतिहास रच दिया इस वर्ष योजना के क्रियान्वयन में यूपी शीर्ष पर रहा अकेले यूपी में हर घर जल योजना से साल 2024 तक 2 करोड़ 66 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल से स्वच्छ जल प्रदान किया जाना है झाँसी की कामयाबी से प्रभावित होकर स्वयं पीएम मोदी ने X पर लिखा कि ‘उत्तर प्रदेश के झांसी में जल संरक्षण और भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए जनभागीदारी से हो रहे इन प्रयासों के रिज़ल्ट बहुत उत्साहवर्धक होने के साथ ही देशभर के लिए एक मिसाल हैं इस नेक कार्य से जुड़े हर किसी को मेरी बहुत-बहुत बधाई!

बकौल केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महा-संकल्प से मात्र 4 साल में ग्रामीण हिंदुस्तान के घरों में नल कनेक्शन की संख्या 3 से 13 करोड़ पर पहुंच गई है’ राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा अभियान की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान में हर वर्ष लगभग 4000 बिलियन क्यूबिक मीटर बारिश होती है; हालाँकि, वर्षा जल संचयन के मुद्दे में हिंदुस्तान का जगह विश्व-सूची में बहुत नीचे है- जो अपनी वार्षिक वर्षा का सिर्फ़ 8% ही संचयन कर पाता है इसलिए भूजल संचयन का महत्व है इसी कारण हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने जल के संरक्षण और पुनरुद्धार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर खेत को पानी, नदी उत्सव, अमृत सरोवर जैसे कई अभियान चलाए हैं

जल शक्ति अभियान जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए संकटग्रस्त ज़िलों में चलाया जा रहा है ‘कैच द रेन अभियान’ सभी जिलों, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को कवर करने के लिये लॉन्च किया गया जिसका उद्देश्य वर्षा जल को एकत्रित करना है औसतन, हिंदुस्तान को लगभग 4000 बीसीएम की वार्षिक वर्षा (हिमपात सहित) प्राप्त होती है जिसमें से से नदियों में औसत वार्षिक प्रवाह के रूप में 1869 बीसीएम जल संसाधन मौजूद है इसमें से सिर्फ़ 1123 बीसीएम ही इस्तेमाल करने योग्य हैजल संसाधन मंत्रालय द्वारा प्रकाशित आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 में कुल पानी की मांग 1,093 बीसीएम और 2050 में 1,447 बीसीएम होगी इसीलिए बहुत ज़रूरी है कि जल संचयन को लेकर हम समय रहते ही सचेत हो जाएँ क्यूंकि जल संकट अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करेगा

सरकार की अनेक योजनायें हैं जिनका लक्ष्य है कि किस तरह पानी की बर्बादी को कम किया जा सके, इस्तेमाल किए गए पानी का पुन: कैसे इस्तेमाल में लाया जा सके, जल संरक्षण के लिए जन जागरण, लेकिन आम नागरिकों का भी फ़र्ज़ है कि हम अधिक से अधिक पानी संरक्षित करें और उसका इस्तेमाल अनुशासित उपायों से करें

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