गांव की प्रॉपर्टी पर मिले लोन, इसके लिए लाई गई है ये योजना
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी गवर्नमेंट ने शहर के साथ ही ग्रामीण हिंदुस्तान की तस्वीर बदलने के लिए भी कई तरह की योजनाओं को जमीन पर उतारा है। ऐसी योजनाओं को न सिर्फ़ अमल में लाया गया है, बल्कि उसके क्रियान्वयन पर भी फोकस किया गया है, ताकि मुनासिब व्यक्ति तक यह पहुंच सके। मोदी गवर्नमेंट ने योजनाओं को लागू करने से ज्यादा उसे कारगर ढंग से जमीन पर उतारने पर काम किया है। केंद्र गवर्नमेंट ने शहरी के साथ ही ग्रामीण हिंदुस्तान के लिए भी कई ऐसी योजनाएं लाई हैं, जिससे गांव-ग्रामीण के लोग भी लाभान्वित हो रहे हैं। उन्हीं में से एक योजना है स्वामित्व स्कीम।
स्वामित्व योजना के अनुसार गांवों का सर्वेक्षण और ग्राम क्षेत्रों में सुधार प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण योजना हिंदुस्तान गवर्नमेंट के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय की एक नयी केंद्रीय क्षेत्र योजना है। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर 24 अप्रैल, 2021 को प्रारम्भ की गई स्वामित्व योजना का उद्देश्य मुख्य रूप से उन्नत ड्रोन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय क्षेत्रों का सीमांकन करके ग्रामीण हिंदुस्तान में संपत्ति सत्यापन के लिए एक जरूरी निवारण प्रदान करना है।
क्या है स्वामित्व योजना?
– स्वामित्व योजना (गांवों का सर्वेक्षण और ग्राम क्षेत्रों में सुधारित प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण) पंचायती राज मंत्रालय की एक योजना है।
– इस केंद्रीय योजना का उद्देश्य ग्रामीण हिंदुस्तान को एकीकृत, व्यापक और मुनासिब संपत्ति सत्यापन निवारण प्रदान करना है।
– कानूनी संपत्ति कार्ड/टाइटल डीड के साथ कानूनी मालिकों को ‘रिकॉर्ड ऑफ राइट्स’ प्रदान करना है।
स्वामित्व योजना का उद्देश्य
– ग्रामीण हिंदुस्तान में संपत्ति सत्यापन के लिए एक उन्नत अभिनव और एकीकृत निवारण प्रदान करना।
– ग्रामीण क्षेत्रों में योजना के लिए परफेक्ट भूमि रिकॉर्ड बनाना।
– संपत्ति संबंधी विवादों को कम करना।
– कर्ज सहित वित्तीय फायदा लेने के लिए लोगों को अपनी संपत्ति का इस्तेमाल करने की अनुमति देकर ग्रामीण हिंदुस्तान में वित्तीय स्वतंत्रता और स्थिरता लाना।
– जरूरी हो तो किसी भी विभाग द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सर्वेक्षण के बुनियादी ढांचे और जीआईएस मानचित्रों और भूमि अभिलेखों का निर्माण करना।
– मानचित्रों एवं भूमि अभिलेख दस्तावेजों के आधार पर संपत्ति कर का निर्धारण करना।
– भूमि अभिलेखों और जीआईएस आधारित नक्शों का इस्तेमाल करके एक बेहतर गुणवत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार करने में सहायता करना।