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इस साल 20 राज्यों में होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान

भारत के देशवासियों के लिए अच्छी समाचार है. इस वर्ष मानसून अच्छा रहेगा और 20 से अधिक राज्यों में भारी बारिश होगी आईएमडी द्वारा जारी दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन 2024 के लिए व्यापक वर्षा पूर्वानुमान के अनुसार, पूरे राष्ट्र में जून से सितंबर 2024 तक दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होने की आसार है, जो फसलों के लिए अच्छा संकेत है.

देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होगी

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डाक्टर एम रविचंद्रन ने 2024 दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन की बारिश के बारे में जानकारी देते हुए बोला कि ± की मॉडल त्रुटि के साथ इसके दीर्घकालिक औसत (एलपीए) का 106 फीसदी होने की आशा है. 5% होने की आसार है. 1971-2020 के आंकड़ों के आधार पर पूरे राष्ट्र में मानसून सीजन की बारिश का एलपीए 87 सेमी है. इस वर्ष, उत्तर-पश्चिम, पूर्व और उत्तर-पूर्व हिंदुस्तान के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर, जहां वर्षा सामान्य से कम होने की आसार है, राष्ट्र के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की आशा है. कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की आसार है अपेक्षित ला नीना, सकारात्मक आईओडी और उत्तरी गोलार्ध में सामान्य से कम बर्फ का आवरण दक्षिण पश्चिम मानसून 2024 सीज़न के दौरान वर्षा के लिए अनुकूल होगा.

अल नीनो का दिखेगा असर

आईएमडी के महानिदेशक डाक्टर मृत्युंजय महापात्र ने बोला कि वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में मध्यम अल नीनो असर की स्थिति बनी हुई है और जलवायु मॉडल के पूर्वानुमान मानसून के मौसम की आरंभ तक तटस्थ और मानसून के दूसरे भाग में ला नीना असर का संकेत देते हैं. हैं. पिछले तीन महीनों (जनवरी से मार्च 2024) के दौरान उत्तरी गोलार्ध में बर्फ का आवरण सामान्य से नीचे था, जो इस मानसून में अत्यधिक वर्षा को दर्शाता है. उत्तरी गोलार्ध के साथ-साथ यूरेशिया में सर्दियों और वसंत ऋतु में बर्फ के आवरण की सीमा आम तौर पर बाद की मानसूनी वर्षा से उल्टा रूप से संबंधित होती है. आईएमडी मई 2024 के अंतिम हफ्ते में मानसूनी बारिश का अद्यतन पूर्वानुमान जारी करेगा.

दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन 2024 के दौरान वर्षा का पूर्वानुमान

  • मानसून (जून से सितंबर) के दौरान पूरे राष्ट्र में सामान्य से अधिक वर्षा (दीर्घकालिक औसत का 106%) होने की आसार है.
  • मात्रात्मक रूप से, राष्ट्र भर में मौसमी वर्षा ± 5% की मॉडल त्रुटि के साथ एलपीए का 106% होने की आसार है.
  • 1971-2020 के आंकड़ों के आधार पर, पूरे राष्ट्र में मौसमी वर्षा का एलपीए 87 सेमी है.
  • वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में मध्यम अल नीनो की स्थिति बनी हुई है. जलवायु मॉडल के पूर्वानुमान मानसून सीज़न की आरंभ तक तटस्थ अल नीनो स्थितियों और मानसून सीज़न के उत्तरार्ध के दौरान ला नीना स्थितियों का संकेत देते हैं.
  • वर्तमान में तटस्थ हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) स्थितियां बनी हुई हैं. जलवायु मॉडल अनुमानों से संकेत मिलता है कि मानसून के मौसम के दौरान सकारात्मक आईओडी स्थितियां विकसित होने की आसार है.
  • पिछले तीन महीनों (जनवरी से मार्च 2024) के दौरान उत्तरी गोलार्ध में बर्फ का आवरण सामान्य से कम था. उत्तरी गोलार्ध के साथ-साथ यूरेशिया में सर्दियों और वसंत बर्फ के आवरण की सीमा आम तौर पर बाद के मानसून के मौसम की वर्षा से उल्टा रूप से संबंधित होती है.

जानिए किस राज्य में कैसा रहेगा मॉनसून

20 से अधिक राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की आशा है: केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली, दमन-दीव.

4 राज्यों: छत्तीसगढ़, हिमाचल, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में सामान्य बारिश की आशा .

6 राज्यों में सामान्य से कम बारिश की उम्मीद: ओडिशा, असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा.

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