जम्मू-कश्मीर: भारी बारिश और भूस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की हुई मौत
Weather Forecast: जम्मू-कश्मीर के रामबन और बनिहाल के बीच भारी बारिश और भूस्खलन की भिन्न-भिन्न घटनाओं में तीन लोगों की मृत्यु हो गई और उफनते नालों में दो अन्य लोग बह गए। ऑफिसरों ने कहा कि मोहम्मद शफी और मुमीरा बानो सोमवार को रियासी में देवल और डुंगा नाले को पार करते समय दुर्घटनावश उनमें गिर गए। उन्होंने कहा कि शफी का मृतशरीर बरामद कर लिया गया है और बानो के मृतशरीर की तलाश की जा रही है। बानो रियासी के माहौर में एक शादी कार्यक्रम में शामिल होने आई थी। इस बीच, एक अन्य व्यक्ति, केके शर्मा, जम्मू के गढ़ीगढ़ में एक नाला पार करते समय डूब गए। ऑफिसरों ने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और क्षेत्रीय स्वयंसेवक उनके मृतशरीर की तलाश कर रहे हैं।
अधिकारियों ने कहा कि डोडा जिले में मल्लन-डेसा निवासी फिरदौस अहमद (13) का मृतशरीर मंगलवार सुबह कुंड नाले से मिला। उन्होंने कहा कि वह नाला पार कर रहा था तभी तेज धार में बह गया। ऑफिसरों ने कहा कि एक अन्य घटना में, रामबन जिले के करूल क्षेत्र में एक पहाड़ी से लुढ़कते पत्थर की चपेट में आने के बाद करूल निवासी याकूद मीर (13) नदी में गिर गया। मीर का मृतशरीर बरामद कर लिया गया है। पिछले कुछ दिनों से जम्मू और कश्मीर के बड़े हिस्से में भारी बारिश हो रही है, जिससे कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ और जलाशयों का जल स्तर बढ़ गया है। इससे पहले किश्तवाड़ और रामबन जिलों में कम से कम दो दर्जन मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे।
अधिकारियों ने कहा कि पुंछ जिले में चार स्कूली बच्चों और दो स्त्रियों को क्षेत्रीय लोगों ने सोमवार शाम को मेंढर क्षेत्र के कलार मोडा ओडा गांव में तब बचाया जब वे एक नाले को पार करते समय अचानक उसके उफना जाने से फंस गए थे। उन्होंने कहा कि मंगलवार को मौसम में सुधार आया है और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात के लिए प्रारम्भ करने का काम तेज कर दिया गया है। हालांकि, राजमार्ग अभी भी वाहनों के लिए बंद है। राजमार्ग को मेहर, पंथियाल, मौम पासी और किश्तवारी पथेर सहित कई स्थानों पर भूस्खलन और चट्टान गिरने की वजह से यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
दक्षिण एशिया में सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश का पूर्वानुमान
इस वर्ष दक्षिण पश्चिम मानसून के मौसम में दक्षिण एशिया के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान है। साउथ एशियन क्लाइमेट आउटलुक फोरम (एसएएससीओएफ) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह पूर्वानुमान अगस्त-सितंबर तक अनुकूल ला नीना स्थितियों के कारण हिंदुस्तान में मानसून के मौसम में सामान्य से अधिक बारिश की भविष्यवाणी के अनुरूप है।एसएएससीओएफ ने कहा, ‘‘2024 के दक्षिण पश्चिम मानसून (जून-सितंबर) के मौसम में दक्षिण एशिया के उत्तरी, पूर्वी और उत्तर पूर्वी हिस्सों में कुछ क्षेत्रों को छोड़कर दक्षिण एशिया के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की अत्यधिक आसार है।
इस मौसम के दौरान दक्षिण एशिया के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने का अनुमान है। इसमें क्षेत्र के दक्षिण-पूर्वी भाग के कुछ हिस्से शामिल नहीं हैं जहां सामान्य तापमान होने की सबसे अधिक आसार है। एसएएससीओएफ ने बोला कि इस समय अल नीनो की मध्यम स्थिति बन रही हैं। मानसून के पहले आधे हिस्से में ‘अल नीनो-सदर्न ओशिलेशन’ की तटस्थ स्थितियां बन सकती हैं। इसके बाद दूसरे अर्द्धांश में अल नीना के हालात बन सकते हैं। हिंदुस्तान मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस महीने की आरंभ में बोला था कि हिंदुस्तान में मानसून के मौसम में बारिश सामान्य से अधिक रह सकती है।