दो यादवों के मुकाबले में किसके हिस्से आएगी कुर्सी
1971 से हुई यादव राजनीति की शुरुआत
अलवर के चुनावी इतिहास में यादव युग की आरंभ 1971 में हुई, जब हरियाणा के राव वीरेंद्र सिंह की बहन सुमित्रा बाई ने विशाल हरियाणा पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘उगता सूरज’ के निशान पर अलवर में चुनाव लड़ा। हालांकि वे चुनाव हार गईं लेकिन इसके बावजूद वे 73 हजार से अधिक वोट ले गईं। इसके बाद 1977 में पहली बार भारतीय लोकदल के प्रत्याशी रामजीलाल यादव ने अलवर संसदीय सीट से चुनाव जीता।
1980 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने रामसिंह यादव और जनता पार्टी ने रामजीलाल यादव को टिकट दिया। इनमें रामसिंह यादव चुनाव जीते।
1984 में कांग्रेस पार्टी के रामसिंह यादव और जनता पार्टी के हरिसिंह यादव के बीच मुकाबला हुआ जिसमें फिर से रामसिंह जीते।
ऐसे चली सत्ता के साथ यादव लहर
1989 में जनता दल के रामजीलाल यादव और कांग्रेस पार्टी के रामसिंह यादव के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें रामजीलाल यादव जीते और केंद्र में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद जनता दल और क्षेत्रीय दलों ने मिलकर राष्ट्रीय मोर्चे की गवर्नमेंट बनाई।
1996 में केंद्र में राष्ट्रीय मोर्चा की गवर्नमेंट बनी, तब भी अलवर से जनता दल के रामजीलाल यादव जीते थे।
1996 में कांग्रेस पार्टी ने पंडित नवलकिशोर शर्मा को टिकट दिया और बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे जसवंत यादव को तोड़कर बीजेपी से टिकट थमा दिया। इसमें नवलकिशोर चुनाव जीते। उस समय केंद्र में कांग्रेस पार्टी समर्थित संयुक्त मोर्चा की गवर्नमेंट बनी थी, जिसके पीएम एचडी देवेगौड़ा थे।
1998 में कांग्रेस पार्टी ने घासीराम यादव को टिकट दिया और भाजपा ने सामने जसवंत यादव को उतारा। इसमें घासीराम यादव जीते। इस दौरान केंद्र में कांग्रेस पार्टी समर्थित संयुक्त मोर्चा की गवर्नमेंट बनी, जिसके पीएम इंद्रकुमार गुजराल थे।
1999 में भाजपा के जसवंत यादव और कांग्रेस पार्टी की महेंद्र कुमारी के बीच मुकाबला हुआ जिसमें जसवंत यादव चुनाव जीते और केंद्र में एनडीए के पूर्ण बहुमत वाली गवर्नमेंट बनी, जिसके पीएम अटलबिहारी वाजपेयी थे।
2004 में भाजपा ने जसवंत यादव और कांग्रेस पार्टी ने डाक्टर करणसिंह यादव को मैदान में उतारा। मुकाबला करणसिंह यादव जीते। केंद्र में एनडीए के पूर्ण बहुमत वाली की गवर्नमेंट बनी जिसके पीएम अटलबिहारी वाजपेयी थे।
2009 में भाजपा ने जसवंत यादव और कांग्रेस पार्टी ने अलवर राजघराने के भंवर जितेंद्र सिंह को टिकट दिया। मुकाबला भंवर जितेंद्र जीते। केंद्र में यूपीए के पूर्ण बहुमत वाली की गवर्नमेंट बनी, जिसके पीएम मनमोहन सिंह थे।
2014 में बीजेपी ने बाबा बालकनाथ (यादव) को और कांग्रेस पार्टी ने भंवर जितेंद्र सिंह को टिकट दिया। मुकाबला बाबा बालकनाथ जीते। केंद्र में पूर्ण बहुमत वाली बीजेपी की गवर्नमेंट बनी, जिसके पीएम मोदी थे।
2019 में भाजपा ने बाबा बाबा बालकनाथ (यादव) को फिर से टिकट दिया और कांग्रेस पार्टी ने सामने डाक्टर करण सिंह यादव को उतारा। मुकाबला बालकनाथ ने जीता। केंद्र में पूर्ण बहुमत वाली बीजेपी गवर्नमेंट बनी, जिसके पीएम मोदी बने।