स्पोर्ट्स

क्रिकेट छोड़ने के कगार से लेकर IPL तक पहुंचने का सफर बहुत कठिन : शशांक सिंह

नई दिल्ली . शशांक सिंह 2017 से इंडियन प्रीमियर लीग का हिस्सा हैं. पहले दिल्ली डेयरडेविल्स (अब डीसी) के साथ, फिर राजस्थान रॉयल्स, सनराइजर्स हैदराबाद और अब पंजाब किंग्स के साथ ये खिलाड़ी जुड़ा है. लेकिन उन्हें इस दौरान कई मैचों में खेलने का मौका नहीं मिला. हालांकि, इस सीज़न में जब उन्हें मौका मिला, तो 32 वर्षीय ऑलराउंडर ने सबका दिल जीत लिया.

चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ वर्ष पहले जब चीजें ठीक नहीं चल रही थी और उन्हें अपने करियर में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ रहा था, तब वह क्रिकेट छोड़ने के बारे में सोच रहे थे. लेकिन उस समय उनका परिवार उनके सपोर्ट में रहा और उनके संघर्षों में उनका साथ दिया. उनके परिवार और करीबी लोगों ने उन्हें खेलना जारी रखने के लिए प्रेरित किया.

आईएएनएस से खास वार्ता में शशांक ने अपनी इस संघर्षपूर्ण यात्रा और अपने पिता की किरदार के बारे में बात की, जो उन्हें भारतीय जर्सी में देखना चाहते थे.

शशांक ने बोला कि मेरे पिता आईपीएस हैं, मेरी बहन एक मैकेनिकल इंजीनियर है और मेरी मां ने इतिहास में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है. क्रिकेट खेलना और हिंदुस्तान का अगुवाई करना मेरे पिता का सपना था. आरंभ में क्रिकेट खेलना मेरा सपना भी नहीं था, ये मेरे पिता का सपना था.

वह मुझे गेंदबाजी करते थे और मेरे अभ्यास के लिए मैदान किराए पर लेते थे. एक या दो वर्ष पहले, मैंने क्रिकेट छोड़ने के बारे में सोचा और मैंने कोई बिजनेस करने के बारे में सोचा. लेकिन मेरे परिवार ने मेरा बहुत समर्थन किया और मुझसे खेलते रहने का आग्रह किया.

मेरी यात्रा में उतार-चढ़ाव हैं, जो हर पेशेवर क्रिकेटर के जीवन में होते हैं. पहले 2 से 3 फ्रेंचाइजी में मुझे मौका नहीं मिला, फिर जब मुझे एसआरएच में मौका मिला तो वहां बल्लेबाजी अच्छी नहीं थी. लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग में मौका मिलना अपने आप में किसी भी घरेलू खिलाड़ी के लिए बड़ा मौका होता है. जब मैं पंजाब किंग्स में आया, तो प्रबंधन ने बहुत स्वागत किया. हमारे अभ्यास मैच अच्छे थे और मैंने अच्छा प्रदर्शन किया, इसलिए मुझे यहां मौका मिला. जब आप अच्छे क्षेत्र में रहते हैं तो आप उसी आत्मविश्वास के साथ मैच में उतरते हैं.

ऑलराउंडर ने आगे बोला कि घरेलू सीजन भी बहुत अच्छा गया था और मैं वही आत्मविश्वास यहां लेकर आया. यदि आप गुजरात टाइटंस के मैच के बारे में बात करते हैं, तो मैं कहूंगा कि मुझे नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने का मौका मिला जब 8-9 ओवर बचे थे. इसलिए, मैंने इसे एक अवसर के रूप में देखा और सोचा कि इसे दोनों हाथों से कैसे भुनाया जाए.

उस समय मैच जीतना मेरे दिमाग में नहीं था, मेरे दिमाग में सिर्फ़ एक ही बात चल रही थी कि मैच को गहराई तक कैसे ले जाएं. फिलहाल, मेरी यात्रा उतार-चढ़ाव से भरी रही है लेकिन मुझे हमेशा कुछ न कुछ सीखने को मिलता है.

4 अप्रैल को शंशाक ने गुजरात टाइटंस के विरुद्ध केवल 29 गेंदों में नाबाद 61 रन बनाए और अपनी टीम पंजाब किंग्स की जीत में जरूरी किरदार निभाई.

पिछले साल, वह 2023-24 विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान मणिपुर के विरुद्ध 150 रन बनाने और पांच विकेट लेने वाले पहले भारतीय लिस्ट ए-क्रिकेटर बने. दिसंबर 2023 में उन्हें 2024 इंडियन प्रीमियर लीग के लिए पंजाब किंग्स टीम ने 20 लाख रुपये में खरीदा था.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button