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श्रीनाथ और मेनन ने बताया स्मार्ट रिप्ले सिस्टम कैसे लाया क्रांति…

मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ और अंपायर नितिन मेनन ने इंडियन प्रीमियर लीग 2024 में लागू किए गए ‘स्मार्ट रिप्ले सिस्टम’ की प्रशंसा की है. उन्होंने इसके लाभ बताए हैं. श्रीनाथ का बोलना है कि टाइम काफी बच रहा है. वहीं, मेनन ने बोला कि अब कंट्रोवर्सी नहीं होती और फोकस केवल प्लेयर्स पर होता है. बता दें कि बीसीसीआई ने इंडियन प्रीमियर लीग में मैच के दौरान फैसलों को परफेक्ट और बेहतर बनाने के लिए यह सिस्टम लागू किया है. इसके अनुसार टीवी अंपायर को दो हॉक आई ऑपरेटरों से सीधे इनपुट प्राप्त होते हैं. ऑपरेटर 8 हाई गति कैमरों द्वारा लिए गए विजुअल अंपायर को दिखाते हैं.

आईपीएल के आधिकारिक सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर किए गए वीडियो में श्रीनाथ ने कहा, ”किसी भी टी20 ओवर के गेम में हर गेंद अहम होती है. हर टीम एक्यूरेसी चाहती है. एक गलत निर्णय टीम को महंगा पड़ सकता है. जब आप एलबीडब्ल्यू के लिए डीआरएस करते हैं और पता चलता है कि गेंद लेग साइड में पिचिंग हो रही है तो फिर आपको आगे जांचना नहीं पड़ता. ऐसे में एक पारी में 9 से 9 मिनट सेव करते हैं. कभी-कभी एक गेम में 20 मिनट तक बच जाते हैं.

श्रीनाथ ने साथ ही कहा कि कैसे कमर से ऊपर फुलटॉस को चेक किया जाता है? उन्होंने कहा, ”फोटोग्राफ सेशन के दौरान खिलाड़ियों की हाइट चेक जाती है. फिर उसे डिस्प्ले किया जाता है. अभी आप स्क्रीन पर सूर्यकुमार को देख रहे हैं. सूर्या की वेस्ट हाइट 1.02 है. बॉल ट्रैकर 0.98  दिख रहा है, जिसका मतलबा है कि गेंद कमल से नीचे है. इसपर कोई प्रश्न नहीं है. प्लेयर इस टेक्नोलॉजी को लेकर कॉन्फिडेंट हैं. यह फुलप्रूफ है.

अंपायर मेनन ने कहा, ‘जब निर्णय ठीक होते हैं तो टीमें खुश होती हैं और कोई कंट्रोवर्सी नहीं होती. फोकस सिर्फ़ खिलाड़ियों और परफॉर्मेंस पर होता है, अंपायर पर नहीं. पिछले वर्ष जब रिव्यू होता था तो हमें ब्रॉडकास्टर डायरेक्टर से बात करना पड़ती थी. अब थर्ड अंपायर और डायरेक्टर के बीच चैनल कट हो गया है. हम सीधे हॉक-आई टेक्नीशियन के पास जाती हैं, जो स्क्रीन पर तुरंत रिप्ले दिखाते हैं. इस समय की काफी बचत हो रही है.

उन्होंने आगे कहा, ”लोग कहेंगे कि टेक्नोलॉजी आ गई है, अंपायर की कोई आवश्यकता नहीं है. लेकिन टेक्नोलॉजी अंपायर को निर्णय लेने से नहीं रोक रही है. वे फैसला ले रहे हैं. यदि संयोगवश कभी एरर होता है तो फिर अंपायर को ठीक फैसला लेने में सहायता करने के लिए टेक्नोलॉजी उपस्थित है. इंडियन प्रीमियर लीग इनोवेशन का फ्लैग बियरर रहा है. स्मार्ट रिप्ले सिस्टम ही नहीं है बल्कि और भी कई चीजे हैं. वाइड और नो बॉल के लिए डीआरएस है, जो बीसीसीआई से पहले किसी ने ट्राई नहीं किया.

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