गाजियाबाद के अस्पतालों मे बुखार, जुकाम और खांसी से पीड़ित मरीज बढ़े इतने फीसदी
उत्तरप्रदेश: न्यूज़ डेस्क ठंड में बच्चों की स्वास्थ्य बिगड़ रही। जिले के सरकारी अस्पतालों में बुखार, जुकाम और खांसी से पीड़ित रोगी 80 प्रतिशत बढ़ गए हैं। इनमें बच्चे शामिल हैं। ओपीडी में 5 फीसदी निमोनिया के हैं।
एमएमजी हॉस्पिटल में 888 रोगी ओपीडी में पहुंचे। इनमें 892 महिला, 672 पुरुष और 324 बच्चे रहे। ज्यादातर बच्चे बुखार, खांसी और सांस में तकलीफ की कम्पलेन के पहुंचे। इसी तरह संयुक्त हॉस्पिटल में 923 रोगी का पंजीकरण हुआ। इनमें 23 बच्चे शामिल रहे। दोनों अस्पतालों में 0 से 5 बच्चों को भर्ती करना पड़ा। एमएमजी हॉस्पिटल के बाल बीमारी जानकार डाक्टर विपिन उपाध्याय ने कहा कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। सर्दी बढ़ने के साथ बच्चों में निमोनिया और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इस समय 80 प्रतिशत बच्चों में बुखार, सांस में दिक्कत, खांसी के लक्षण मिल रहे हैं।
संजयनगर स्थित संयुक्त हॉस्पिटल की बाल बीमारी जानकार डा। अर्चना शर्मा ने कहा कि निमोनिया की वजह से फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है। इस कारण से बच्चों को सांस लेने में कठिनाई हो जाती है। बच्चों को सर्दी में निमोनिया होने का खतरा सबसे अधिक होता है जो जानलेवा भी हो सकता है। अभी 5 फीसदी बच्चों में निमोनिया के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में परिजनों को बच्चों को सर्ज्दी से बचाकर रखना चाहिए।
सांस की परेशानी लेकर भी पहुंच रहे
एमएमजी हॉस्पिटल के वरिष्ठ फिजिशियन डाक्टर आरपी सिंह ने कहा कि ओपीडी में गंभीर रोगी नहीं आ रहा है। उन्हें ओपीडी से ही इलाज के साथ ठंड से बचने और बिना वजह घर से बाहर ना निकलने की राय दी जा रही है। अस्पतालों में आईएलआई (इलनेस लाइक इंफ्लुएंजा), सारी (सीवियर एक्यूट रेस्पेटरी इंफेक्शन) के रोगियों की संख्या अधिक है। लोगों को बुखार के साथ सांस लेने में कठिनाई भी हो रही है। सर्दी में ऐसे रोगियों की संख्या 40 फीसदी बढ़ी है।