उत्तर प्रदेश

जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से हुई मौत

बांदा कारावास में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार की देर शाम हार्ट अटैक से मृत्यु की जानकारी मिलते ही जनपदवासियों के जेहन में 19 साल आठ माह पूर्व बसनिया चट्टी पर एके-47 की तड़तड़ाई गोलियों की आवाज गूंज उठी. बेरहमी से बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की मर्डर कर दी गई थी.
ई माह तक यह हत्याकांड राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में बना रहा. जनपद ही नहीं पूरा प्रदेश इस घटना से थर्रा उठा था.

दिनदहाड़े गोलियों से भून दिए गए थे सात लोग

29 नवंबर 2005 को विधायक कृष्णानंद राय अपने क्षेत्र के कनुवान में क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन कर पैतृक गांव गोड़उर जा रहे थे. करीब दोपहर 2.45 बजे लठ्ठूडीह कोटवा मार्ग पर बसनिया गांव के पास सियासी रंजीश में विधायक कृष्णानंद राय और उनके गनर सहित सात लोगों की मर्डर कर दी गई थी. इस घटना के बाद गाजीपुर, वाराणसी, मऊ और आजमगढ़ सहित पूरा पूर्वांचल थर्रा उठा था.

अंधाधुंध फायरिंग के बाद आगजनी और तोड़फोड़ के साथ हुई थी नारेबाजी

 

वारदात को अंजाम देने में कुख्यात अपराधियों ने स्वचलित हथियारों का प्रयोग करते हुए ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. कृष्णानंद राय के शरीर से 67 गोलियां निकली थीं. हत्याकांड में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी, सांसद अफजाल अंसारी सहित अन्य पर केस भी दर्ज हुआ, लेकिन CBI न्यायालय से अंसारी भाई समेत अन्य बरी हो गए थे. स्थिति यह थी कि विधायक हत्याकांड के बाद भी मुहम्मदाबाद के फाटक के अंदर तलाशी तक नहीं हुई थी. जबकि घटना से गाजीपुर, मुहम्मदाबाद और अन्य जगहों पर आगजनी, तोड़फोड़ और हत्यारोपियों के विरुद्ध नारेबाजी होती रही थी.

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