धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह जौनपुर सीट पर लड़ रही चुनाव
जौनपुर। जौनपुर से बड़ी समाचार है। बाहुबली और पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जौनपुर जिला कारावास से बदल कर कड़ी सुरक्षा प्रबंध के बीच एंबुलेंस से बरेली कारावास के लिए ट्रांसफर किया गया। धनंजय सिंह के समर्थकों ने इल्जाम लगाया कि भाजपा को संभावना है कि चुनाव को प्रभावित करके अपने पक्ष में कर लेंगे। उल्लेखनीय है कि धनंजय सिंह की कल से तबीयत ठीक नहीं बताई जा रही थी। कल डॉक्टर की टीम कारावास में धनंजय सिंह की उपचार करने देर शाम आई थी।
धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह बसपा की टिकट पर जौनपुर सीट पर चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि कारावास में बंद धनंजय सिंह चुनाव को प्रभावित कर सकेत हैं, लेकिन अब उनका जौनपुर कारावास से बरेली कारावास में ट्रांसफर किया गया है। इस दौरान शनिवार सुबह धनंजय सिंह को एंबुलेंस में बैठाकर भारी संख्या में पुलिस बल के साथ रवाना किया गया।
जानकारी के अनुसार सुबह 8 बजे के बाद कारावास से बाहर निकाला गया। हालांकि इस मुद्दे में अब किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। यहां तक की कारावास से रवानगी के पहले भी रवानगी में तैनात अधिकारी भी अपने आप को अनभिज्ञता जताई। बता दें कि इस दौरान भारी संख्या में समर्थक भी जिला कारावास में डटे रहें। कारावास बदलने के बाद समाचार है कि धनंजय सिंह की पत्नी बसपा की उम्मीदवार श्री कला सिंह दोपहर में प्रेसवार्ता कर सकती है।
धनंजय सिंह की जौनपुर जिला कारावास से स्थानान्तरण के बाद जिले की राजनीतिक पारा में एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गया। अचानक गवर्नमेंट को कौन सी आवश्यकता हुई की कारावास में बंद धनंजय सिंह की कारावास बदली गई।फिलहाल कड़ी सुरक्षा प्रबंध के बीच भेजा गया।
बाहुबली धनंजय सिंह को बीते 6 मार्च को जौनपुर न्यायालय ने सुनाई सजा सुनायी गई थी। जौनपुर एमपी-एमएलए न्यायालय ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उसके सहयोगी संतोष विक्रम सिंह को 7-7 वर्ष के सख्त जेल की सजा सुनाई। तब से वह जौनपुर के जिला कारावास में बंद चल रहे थे। मुद्दे में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण, रंगदारी मांगने, धमकाने और आपराधिक षड्यंत्र के मुद्दे में धनंजय सिंह को सजा हुई है। 10 मई 2020 को जौनपुर के लाइन बाजार पुलिस स्टेशन में अपहरण, रंगदारी और अन्य धाराओं में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और संतोष विक्रम के विरुद्ध केस दर्ज हुआ था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सजा के मुद्दे में सजा को समाप्त करने और बेल को लेकर निर्णय आने की चर्चा है।